Alwar Villages Tradition: राजस्थान में आपने कई गांवों के बारें में सुना होगा, जिनकी अनोखी मान्यताएं मान्यताएं है। जिनमें एक ऐसे गांव के बारें में सुना होगा , जहां के लोग अपने घरों के ताला नही लगाते है। ये उनकी सालों से चली आ रही परंपरा है, जिसको वो आज तक निभा रहे हैं। इसी से मिलता जुलता अलवर का एक अनोखा गांव हैं, जिसकी मान्यता को जानकर आप अचरज में पड़ जाओगें।
मामला सुलझाने के लिए देवी देवताओं का आहवान
अलवर के पीपलगढ़, सूकल और पैतपुर गांव जहां एक अनोखी मान्यता है। इस गांव में अगर कोई विवाद या घटना होती है तो इस गांव के लोग पुलिस को नही बुलाते, आपको सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन ये सच है यहां के लोग किसी मामलें को सुलझाने के लिए प्रशासन की मदद नही बल्कि अपने देवी देवताओं और पित्रो का आहवान करते हैं।
गांव की खास मान्यता और अनोखा परंपरा
इस गांव सबसे खास बात ये है कि आज के समय लोगों का विश्वास धर्म से उठ रहा वहीं इस गांव के लोगो का अपने देवी देवताओं के प्रति विश्वास इतना अटूट है कि वे अपने घरों की सुरक्षा भी उन पर छोड़ देते है। इसके साथ ही यहां एक अनोखी परंपरा भी है, जो सालों से चलती हुई आ रही है। जिसमें देवताओं को शराब की धार चढ़ाई जाती है। इस गांव की जन्म से लेकर मरण तक सभी परंपरा अनोखी और अलग हैं।
घरों की सुरक्षा के लिए चढ़ाते है शराब
इस गांव के लोग अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए साल के 8 महिने अन्य राज्यों में काम के लिए जाते है, तब जाने से पहले उन लोगों द्वारा अपने घर पर ताला लगाकर उस पर एक कपड़ा लपेटकर उस पर शराब चढ़ाई जाती है।
घरो की सुरक्षा को लेकर लोगों की मान्यता
सबसे आश्चर्य की बात तो ये है कि इस गांव में जो शराब ताले पर या देवी-देवताओं को चढ़ी जाती है, वो इस गांव के स्वंय बनाते है। उनका मानना है कि इससे उनके घरों में कोई प्रवेश नही करता है, क्योंकि जो शराब ताले पर चढ़ाई गई है वो उससे पहले देवताओं को भी चढ़ाई थी। जिससे खुद देवता उनके घरो की रक्षा करते हैं।
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