Vedic education in rajasthan: वैदिक शिक्षा की ओर बड़ा कदम उठाते हुए राजस्थान सरकार द्वारा आज राज्य में वैदिक संस्कार और शिक्षा बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी गई है। प्रदेश में वैदिक परंपराओं को सहेजने की दिशा में यह बड़ा फैसला लिया गया है। सरकार के इस फैसले को संस्कृत शिक्षा को सुदृढ़ करने और बच्चों में वेदिक ज्ञान प्रदान करने की दिशा में भी एक अहम कदम माना जा रहा है। वैदिक संस्कार और शिक्षा बोर्ड के गठन से राज्य में वैदिक अध्ययन को एक सुव्यवस्थित ढांचा मिल सकेगा और वेद पाठशालाओं व गुरूकुलों में भी गुणवत्ता को भी बढ़ावा मिलेगा। 
 
प्रोफेसर गणेशी लाल सुथार बने बोर्ड के अध्यक्ष 

बता दें कि काफी लंबे समय से शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के नेतृत्व में वैदिक शिक्षा के उत्थान के लिए कई प्रयास किए जा रहे थे। अब राज्य सरकार द्वारा बच्चों को वैदिक परंपराओं, मूल्यों और ज्ञान देने के लिए वैदिक संस्कार और शिक्षा बोर्ड के गठन करने का निर्णय लिया गया है। प्रोफेसर गणेशी लाल सुथार को बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। 
 
बोर्ड में शामिल है यह सदस्य

बोर्ड में प्रोफेसर कैलाश चतुर्वेद और डॉ. हरेश्वर छिपा, डॉ. नरपत सिंह राठौड़, नरेश चंद शर्मा, भवानी शंकर शर्मा , प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद मिश्रा को शामिल किया गया है। 

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विद्यालयों और गुरूकुलों के संचालन की जिम्मेदारी संभालेगा बोर्ड 

जानकारी के लिए बता दें कि बोर्ड का गठन आदर्श वेद विद्यालयों और राज्य के तीन वैदिक गुरूकुलों के संचालन, परीक्षा प्रणाली और पाठ्यक्रम निर्माण की जिम्मेदारी संभालेगा। संभाग स्तर पर स्थापित वेद विद्यालयों और वेद पाठशालाओं को संगठित रूप से कार्य करना होगा। 
 
आने वाली पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण कदम 

सरकार का यह अहम फैसला न केवल इस पीढ़ी के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी वैदिक परम्पराओं, मूल्यों और ज्ञान देने के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा।