Rajasthan Famous Dance: संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' ने खूब सुर्खियां बटोरी, लेकिन इसे लेकर काफी विवाद भी हुआ। फिल्म के रिलीज होने से पहले ही इसका विरोध शुरू हो गया था, खासतौर पर राजस्थान के राजपूत समाज और करणी सेना द्वारा। राजपूत समाज का मानना था कि फिल्म में रानी पद्मावती की छवि को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। इसी के चलते फिल्म की रिलीज की तारीख कई बार टाली गई और राजस्थान में इसे दिखाए जाने पर प्रतिबंध भी लगाया गया था।

'घूमर' गीत पर विवाद

फिल्म का गीत 'घूमर', जिसे दीपिका पादुकोण ने रानी पद्मावती के किरदार में प्रस्तुत किया था, खासा लोकप्रिय हुआ। लेकिन इस गाने पर जमकर विरोध हुआ। विरोध का मुख्य कारण था गाने में दिखाया गया नृत्य, जिसमें रानी पद्मावती को सार्वजनिक रूप से नृत्य करते हुए दिखाया गया। राजपूत समाज की महिलाओं ने इसे अपनी परंपराओं और मर्यादाओं के खिलाफ बताया. उनका कहना था कि महारानियां कभी सार्वजनिक रूप से नृत्य नहीं करती थीं।

गाने में दिखाई गई नारी शक्ति की झलक 

इस गाने को इतनी खूबसूरती से प्रस्तुत करने का उद्देश्य यही था कि दर्शकों को रानी पद्मावती के गौरवशाली व्यक्तित्व के साथ-साथ राजस्थान की समृद्ध संस्कृति का भी एहसास हो। गाने में दीपिका ने रानी पद्मावती की शाही जिंदगी और उनके गर्व भरे व्यक्तित्व को खूबसूरती से दर्शाया है। उन्होंने न केवल घूमर नृत्य की पारंपरिक स्टेप्स को अपनाया, बल्कि उनके हर कदम में शाही गरिमा और नारी शक्ति की झलक भी साफ नजर आई। 

इस गाने की कोरियोग्राफी मशहूर कोरियोग्राफर कृति महेश मिद्या और ज्योति डी. तोमर ने किया था, जिन्होंने दीपिका को घूमर नृत्य की बारीकियां सिखाईं। यह नृत्य दीपिका की कड़ी मेहनत और अभ्यास का नतीजा था, जिसे उन्होंने बेहद खूबसूरती से निभाया। इस गाने की कोरियोग्राफी को राजस्थान की पारंपरिक शैली में ढाला गया था, जिससे फिल्म में इसे असलीपन का अहसास दिलाया जा सके। दीपिका के इस डांस की तारीफ तो खूब हुई, लेकिन इसके साथ ही यह विवादों में भी घिर गया।

'घूमर' का महत्व

घूमर राजस्थान का एक पारंपरिक लोकनृत्य है और इसका हर स्टेप राजस्थानी जीवनशैली की झलक देता है। यह नृत्य खासतौर पर राजपूत घरानों की महिलाएं शादियों और अन्य खास मौकों पर करती थीं। इस नृत्य में महिलाएं लहंगा और ओढ़नी पहनकर घेरा बनाकर घूमती हैं और अपनी अदाओं से नृत्य को खास बनाती हैं। घूमर नृत्य राजस्थान की सांस्कृतिक विविधता और महिलाओं की शक्ति का प्रतीक है, और यह हर त्योहार और उत्सव का अहम हिस्सा माना जाता है।