Karauli Gajak: राजस्थान के करौली शहर की कूटेमा गजक देश में तो काफी पंसद की जाती थी, लेकिन अब इस गजक के चर्चे विदेशों तक हो रहे हैं। जिले में लगभग 100 सालों से इस गजक का बिजनेस किया जा रहा है। मिनी ब्रज के नाम से प्रसिद्ध इस जगह पर आपको कई प्रकार की खस्ता व स्वादिष्ठ गजक खाने को मिल जाएंगे। देशी-विदेशी पर्यटक यहां आकर एक बार जरूर कूटेमा गजक खाते हैं।
देशी घी से की जाती है तैयार
अपने अनोखे और शानदार स्वाद की वजह से यह मिठाई विदेशों तक लोकप्रिय हो गई है। कई सालों से लोगों के द्वारा ठंड के दिनों में गजक खाने का मजा लिया जा रहा है। जनवरी में आने वाले त्यौहारों में भी इस गजक का इस्तेमाल किया जाता है। इसे तील और शुद्ध देशी घी से तैयार किया जाता है। यह गजक सेहत के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है।
विदेशों में बढ़ी गजक की डिमांड
स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि पिछले कई महिनों से विदेशों से इस गजक की डिमांड आई है। इसमें ऑस्ट्रेलिया, दुबई, साउथ अफ्रीका आदि देश शामिल है। दुकानदार यहां से पैक करके भेजते है। यह गजक करीब एक हफ्ते तक खराब नहीं होती है। 2 किलों गजक तैयार करने में लोगों को 25 से 30 मिनट का समय लगता है। साथ ही उन्होंने बताया कि ज्यादा अरब के देशों से इस खस्ता गजक की डिमांड ज्यादा आती है।
100 साल पुराना है बिजनेस
करौली जिले में 100 से ज्यादा सालों से इस बिजनेस को चलाया जा रहा है। समय के साथ-साथ इस गजक की डिमांड में भी इजाफा होता जा रहा है। पिढ़ी दर पीढ़ी इस कार्य को आगे बढ़ा रही है। आज के समय विदेशों से भी लोग इस गजक को खाने की डिमांड कर रहे हैं।
खास तरीके से की जाती है तैयार
जिले के बड़े बाजार की मौला गजक भंडार काफी फेमस है। यहां विभिन्न प्रकार की गजकें तैयार की जाती है। दुकान के कारीगरों की मेहनत और समर्पण की वजह से आज करौली को लोग यहां की गजक के लिए जानते हैं।
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