Rajasthan Agriculture department: राजस्थान कृषि विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार इस बार प्रदेश में सरसों का उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम होगा। अनुमान है कि इस बार गेंहूं, जौ और चने का उत्पादन ज्यादा हो सकता है। बता दें कि पिछले साल 2023-24 में 62.94 लाख टन सरसों की पैदावार हुई थी जो इस साल घटकर 55.57 लाख टन हो सकता है। सरसों के अलावा तारामीरा और अलसी का उत्पादन भी कम होगा। 

बढ़ जाएंगे सरसों तेल के भाव
जानकारी के मुताबिक सरसों का उत्पादन कम होने के कारण सरसों तेल के दाम भी बढ़ सकते हैं। इसके साथ ही सरसों के तेल से बनने वाले खाद्य पदार्थों से जुड़े कारोबार पर भी असर देखने को मिल सकता है। बता दें कि सीकर, चूरू, बीकानेर, झुंझुनूं, एवं खैरथल-तिजारा जिलों में पिछले दिनों ओलावृष्टि के कारण फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था। 

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ज्वार, बाजरा और मक्का का उत्पादन होगा ज्यादा
पिछले साल की तुलना में इस साल ज्वार, बाजरा और मक्का का उत्पादन ज्यादा हो सकता है। पिछले वर्ष गेहूं का उत्पादन 120.17 लाख टन था जो इस बार 121.68 लाख टन हो सकता है। वहीं जौ 10.36 लाख टन से 14.34 लाख टन होने का अनुमान है। साथ ही चने की पैदावार 19.19 लाख से 25.18 लाख टन हो सकते है। इस साल ज्वार, बाजरा और मक्का का उत्पादन भी बढ़ने की उम्मीद है। 

उतपादन के आकंड़े – 2023-24 – 2024-25 (अनुमानित)
मोठ 3.51 -2 4.31
उड़द 1.49 -2 1.98
चावल 7.46 -2 9.44
गन्ना 3.63 -2 4.40
मूंगफली 20.16 -2 23.73
अरण्डी 3.25 -2 3.12
सोयाबीन 12.98 -2 11.97
कपास 26.21 -2 18.45
ग्वार बीज 14.80 -2 19.26

तिल 0.71 -2 0.80
मूंग 8.12 -2 15.01

मोटा अनाज के आंकड़े (उत्पादन लाख टन में)
मक्का 20.63-20.97
ज्वार 4.51-2 4.87
बाजरा 43.83-2 46.70

मौसम ने पहुंचाया फसल को भारी नुकसान
नेशनल ऑयल एंड ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ मनोज मुरारका ने बताया कि इस बार सरसों का उत्पादन कम होने की संभावना है। मौसमी कारणों से फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। इसी कारण से सरसों इंडस्ट्री प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा मील एक्सपोर्ट घटने की संभावना है।