Senior Citizens Pilgrimage Scheme: रविवार को डूंगरपुर के खेरमाल में जाम्बुखंड भैरवजी मंदिर जीर्णाद्वार महोत्सव को संबोधित करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि मंदिर सनातन संस्कृति की आत्मा है। प्राचीन समय से भारत भव्य और दिव्य मंदिरों की भूमि माना जाता है और इन मंदिरों के माध्यम से ही हमारी आध्यात्मिक कीर्ति दुनियाभर में फैली हुई है।
दौरतलब है कि राजस्थान सरकार द्वारा जारी वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तहत सरकार की ओर से प्रदेश के बुजुर्गों को देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों की यात्रा करवाई जाएंगी। इसके अंतर्गत श्रद्धालुओं को अयोध्या, काठमांडू में पशुपतिनाथ और अन्य तीर्थस्थलों की यात्रा करवाई जाएंगी। वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य और सहूलियत का ध्यान रखते हुए इस साल बजट में इस योजना के तहत 6 हजार वरिष्ठजनों को हवाई मार्ग से और 50 हजार बुजुर्गों को एसी ट्रेन से तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी। इसके लिए सरकार ने कवायद तेज कर दी है। साथ ही बजट में प्रदेश और बाहर के देवस्थान विभाग के मंदिरों को निखारने के लिए 161 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे।
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जनजातीय पर्यटन सर्किट पर ध्यान देगी सरकार
राजस्थान बजट 2025-26 में जनजातीय आस्था के केंद्रों को विकसित करने की घोषणा की गई था। इसमें त्रिपुरा सुंदरी, मानगढ़ धाम, बेणेश्वर धाम, सीतामाता अभयारण्य, ऋषभदेव, गौतमेश्वर मंदिर, मातृकुंडिया आदि को शामिल किया गया है।
मंदिर विकास के लिए जारी की सुविधाएं
भजनलाल सरकार की ओर से प्रदेश के मंदिरों में भोग की राशि को भी बढ़ाकर 3 हजार रुपए और मंदिरों के पुजारियों को 7 हजार 500 रुपए हर महीने की घोषणा की गई थी। साथ ही सरकार की ओर से सीकर में स्थित खाटूश्याम जी मंदिर के विकास के लिए 100 करोड़ रूपए खर्च करने की घोषणा की गई है। बता दें कि राज्य के 600 मंदिरों में विभिन्न प्रकार के साज-सज्जा और आरती कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। गौतमेश्वर मंदिर, अरनोद प्रतापगढ़, करणी माताजी मंदिर एवं नीमच माताजी मंदिर उदयपुर जैसे प्राचीन मंदिरों को भी विकास की नई दिशा दी जाएंगी।