Rajasthan Agriculture Development: क्या हो अगर आपकी ज़मीन और जनाधार कार्ड एक साथ जुड़ जाएं? इसी को लेकर अब राजस्थान सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। पहले किसानों को ऑनलाइन जमाबंदी कराने के लिए कहा गया था, और अब ज़मीन को जनाधार कार्ड से जोड़ने की तैयारी चल रही है। क्या इससे किसानों की समस्याएं सुलझ जाएंगी, या फिर ये कोई नया तकनीकी बदलाव और मुश्किलें लेकर आएगा।

नए सिस्टम से जुड़े सवाल

रेवन्यू डिपार्टमेंट द्वारा पहले ही ज़मीन के रिकॉर्ड को ऑनलाइन किया जा चुका था, और अब जनाधार कार्ड से उसे जोड़ने का काम शुरू हो गया है। इसके जरिए एक यूनिक लैंड आईडी बनाई जाएगी, जो किसानों के लिए बेहद जरूरी हो सकती है। हल्का पटवारी दीपक शर्मा ने बताया कि खेतों में जाकर किसानों को इस नए सिस्टम के बारे में बताया जा रहा है। अब तक 45 प्रतिशत ज़मीनें जनाधार से जुड़ चुकी हैं।

क्या इसे लेकर तैयार है किसान?

किसान को अब अपनी ज़मीन को जनाधार से लिंक करवाने के लिए नए तरीके से काम करना होगा। इसके लिए किसानों को राज किसान गिरदावरी ऐप डाउनलोड करना पड़ेगा, और फिर जनाधार से लॉगिन करके अपनी ज़मीन से जुड़ी सारी जानकारी अपडेट करनी होगी। यह प्रक्रिया आसान लगे, या फिर किसानों को फिर से पटवारियों पर निर्भर होना पड़ेगा? यह बड़ा सवाल है!

फसल की गिरदावरी

किसानों को फसल की जानकारी भी अपडेट करना होगी। सवाल ये भी है कि क्या ई-गिरदावरी के बाद, अब किसानों के लिए अपनी फसल का रिकॉर्ड रखना और भी आसान हो जाएगा, या फिर इससे जुड़ी समस्याएं नई बनेंगी? इस प्रक्रिया के तहत किसान को अपने खसरे के बारे में जरूरी जानकारी देनी होगी और बाद में उसे डिजिटल रूप से प्रिंट प्रिव्यू भी करना होगा।

राजस्थान में डिजिटल बदलाव

राजस्थान सरकार का यह कदम न केवल कृषि के क्षेत्र में बदलाव का प्रतीक हो सकता है, बल्कि इससे नागरिक सेवाओं में भी सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। अब देखना यह है कि क्या इस बदलाव के बाद किसानों को सचमुच फायदा होगा, या फिर यह केवल कागजी प्रक्रिया तक सीमित रह जाएगा।

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