Rajasthan Budget 2025-26: गुढ़ा बिश्नोइयान कंजर्वेशन रिजर्व का नाम सुनते ही जेहन में एक सवाल उठता है कि क्या यह क्षेत्र कभी विकसित होगा? 2011 में कंजर्वेशन रिजर्व घोषित होने के बावजूद, यहां अब तक कोई विकास नहीं हुआ। काले हिरणों की बढ़ती संख्या और गुढ़ा तालाब की सुंदरता जैसे मूल खजाने इस क्षेत्र को पर्यटकों के लिए आदर्श स्थल बना सकते हैं, लेकिन अब तक किसी भी सरकार ने इसे संजीवनी देने के लिए गंभीर कदम नहीं उठाए।

राजनीतिक रिश्ते और फिर भी खामोशी

गुढ़ा गांव कई प्रमुख राजनेताओं से जुड़ा हुआ है, लेकिन फिर भी इस इलाके के विकास की दिशा में किसी भी सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई। 2016-17 में जब वन विभाग ने विकास योजना बनाई थी, तो वह अप्रूव नहीं हो पाई। सवाल यह है कि क्या अब जिस नए 13 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को भेजा गया है, वह आखिरकार मंजूरी पाएगा, या यह भी बस एक और योजनाओं का हिस्सा बनकर रह जाएगा?

नई योजना, नई उम्मीदें

इस बार वन विभाग ने गुढ़ा कंजर्वेशन रिजर्व को विकसित करने के लिए 13 करोड़ रुपये का नया मैनेजमेंट प्लान तैयार किया है। इस प्लान में वॉचिंग टावर, चारदीवारी, ट्रैकिंग ट्रैक और तारों से फेंसिंग जैसी सुविधाओं का प्रस्ताव है। क्या इस बार गुढ़ा के कंजर्वेशन रिजर्व में वो बदलाव आएंगे, जिनकी उम्मीदें पिछले 13 सालों से थीं?

हिरणों की संख्या में इजाफा

गुढ़ा में अब 215 से ज्यादा काले हिरण हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। फिर भी, यह इलाका पर्यटकों के लिए एक प्रमुख स्थल नहीं बन पाया। क्या इस बार, वन विभाग के नए प्रस्ताव से गुढ़ा को पर्यटकों के लिए एक नई पहचान मिल सकेगी, या यह सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाएगा। राज्य सरकार के पास वन विभाग का नया प्रस्ताव भेजा जा चुका है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह बार-बार की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा, या सरकार वाकई इस क्षेत्र का विकास करने के लिए ठोस कदम उठाएगी।

क्या एक साथ दोनों क्षेत्रों का सुधरेगा भविष्य

गुढ़ा के साथ-साथ खीचन में कुरजा कंजर्वेशन रिजर्व का भी ऐलान हुआ है, जिसके लिए 13 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है। क्या ये दोनों इलाके आखिरकार उस विकास की ओर बढ़ेंगे, जिसका लंबे वक्त से इंतजार किया जा रहा है?

गुढ़ा कंजर्वेशन रिजर्व पर यह सवाल अब और भी गहरा हो गया है कि क्या सरकार के पास इस बार उस बदलाव को लागू करने का संकल्प है, जिसका क्षेत्र को 13 साल से इंतजार है? क्या गुढ़ा और खीचन कंजर्वेशन रिजर्व उन सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाएंगे, जिनकी क्षेत्रवासियों को उम्मीद है? अब यह समय बताएगा कि सरकार अपने वादों को कितनी गंभीरता से लागू करती है।

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