Ram Jal Setu Link Project: राजस्थान में राम जल सेतु लिंक परियोजना को हरी झंडी मिल गई है। अब (पीकेसी-ईआरसीपी) के तहत राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच जल बंटवारे को लेकर खाका साफ हो गया है। दिसंबर के महीने में ही इस परियोजना को लेकर समझौता हुआ था।

इस परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश, राजस्थान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने हस्ताक्षर कर दिए थे। समझौते के बाद रणनीति बनाकर राजस्थान के 17 जिलों को पानी देने का फैसला किया गया है। 

दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर के उद्योगों को भी होगा लाभ

बड़ी बात ये है कि इस परियोजना को लेकर हुए समझौते का फायदा दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर के उद्योगों को भी होगा। इससे उद्योगों की जल आवश्यकता पूरी होगी। बता दें कि राजस्थान सरकार ने पूर्वी राजस्थान की नहर परियोजना (ईआरसीपी) को एक स्वतंत्र परियोजना के रूप में प्रस्तावित किया था।

इसके बाद चंबल नदी के जल का इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच कई विचार-विमर्श किए गए। इसके बाद ही (संशोधित पीकेसी) यानी पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया गया। इस परियोजना के लिए 5 दिसंबर को राजस्थान, मध्यप्रदेश और भारत सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। 

इसके साथ ही राजस्थान को दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर और दूसरे उद्योगों के लिए 205 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आवश्यकता होती है, जो इसी समझौते के तहत पूरी की जाएगी। हालांकि नए आदेशों के अनुसार, इस कॉरिडोर से दूदू, गंगापुर सिटी, केकड़ी और जयपुर ग्रामीण को पहले की लिस्ट से हटा दिया गया है। 

राजस्थान के इन 17 जिलों को मिलेगा परियोजना का लाभ

पीकेसी लिंक परियोजना से राजस्थान के 17 जिलो को इस पानी का फायदा मिलेगा। इन जिलों में बूंदी, डीग, अलवर, टोंक, सवाईमाधोपुर, गंगापुरसिटी, झालावाड़, बारां, कोटा, खैरथल-तिजारा, भरतपुर, दौसा, करौली, धौलपुर, जयपुर शहरी, जयपुर ग्रामीण, कोटपुतली, बहरोड़, अजमेर, दूदू और ब्यावर केकड़ी समेत कई जिले शामिल हैं।

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