Non-Stick Vessels: नॉन स्टिक बर्तन वर्तमान समय में हर किचन में मौजूद है। और हो भी क्यों ना देखने में आकर्षक लगने वाली चीज अक्सर लोगों को बहुत पसंद होती है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस नॉन स्टिक बर्तन से होने वाले स्वास्थ्य के नुकसान भी काफी गंभीर है। यह नॉन स्टिक बर्तन जो काफी कलरफुल और खाना को पकाने में भी आरामदायक होते हैं। इसे खाना पकाने के इस्तेमाल करने के बाद आसानी से साफ भी किया जा सकता है। किचन की डेकोरेशन में नॉन स्टिक बर्तन भी अपनी अहम भूमिका निभाती है। ऐसे में आप अपने स्वास्थ्य को लेकर थोड़े से लापरवाह भी हो जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह खूबसूरत दिखने वाली नॉन स्टिक बर्तन स्वास्थ्य पर कई हानिकारक प्रभाव छोड़ती है। जिसका असर बेहद गंभीर बीमारी को उत्पन्न कर सकता है। रिसर्च भी यह बतलाती है की नॉन स्टिक बर्तन में पकाए हुए भोजन, मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ऐसे में यह जाना बेहद जरूरी है कि आखिर क्यों नॉन स्टिक बर्तन में खाना पकाने की सलाह नहीं दी जाती है। तो आईए जानते हैं-
क्या कहता है आईसीएमआर?
आपको जानकर हैरानी होगी कि सेहत पर हुए शोध यह बताते हैं कि खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले ये नॉनस्टिक बर्तन सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च कि नई डाइटरी गाइडलाइन्स में भारतीयों के लिए जारी कर सलाह दी गई है कि नॉन-स्टिक बर्तन में खाना नहीं बनाना चाहिए।
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क्या है नॉन स्टिक बर्तन में खाना पकाने का नुकसान?
एक रिसर्च से पता चलता है कि लगातार कई सालों तक अगर नॉन स्टिक बर्तन में खाना पकाने से शरीर में टेफलॉन की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे शारीरिक समस्या भी उत्पन्न होती है। इस तरह से टेफ्लॉन से रिलीज होने वाले केमिकल्स मानवीय शरीर में इनफर्टिलिटी और हार्ट प्रॉब्लम जैसे गंभीर बीमारी की समस्या की वजह बन सकती है। इसके साथ ही शरीर में आयरन की कमी भी हो सकती है। इसके अलावा जब नॉन स्टिक कुकवेयर को तेज आंच पर चढ़ाया जाता है तो इसमें से निकलने वाले केमिकल्स जहरीली गैस उत्पन्न करती है, जिससे की श्वसन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।