Health update: राजस्थान के सभी पैथोलॉजी लैब के लिए एक नया अपडेट जारी किया गया है। राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एक बहुत बड़ा आदेश दिया है। इस आदेश के अनुसार, क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत अब प्रदेश के सभी पैथोलॉजी लैबों को अस्थायी पंजीकरण करवाना होगा। इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को आदेश दिए हैं। माना जा रहा है कि यह नियम राज्य के स्वास्थ्य हालात को और बेहतर करने के लिए लाया गया है।
इसके अलावा, इस नियम को लेकर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग काफी सतर्कता बरत रहा है। इस एडवाइजरी के संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि इस आदेश पर जल्दी से जल्दी अमल किया जाए।
जनसाधारण दर्ज करवाएंगे आपत्ति
यह पंजीकरण जिला रजिस्ट्रेशन प्राधिकरण के तहत करवाए जाएंगे। पैथोलॉजी लैब के संचालक को आवेदन के समय ही केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2018 और उसके पश्चात 2020 में जारी संशोधित अधिसूचना में जो मानक तय किए गए हैं, उनके अनुरूप अपनी उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी देनी होगी। इसके पश्चात, प्राधिकरण एक महीने में जनसाधारण से इससे संबंधित आपत्तियां दर्ज करवाएगा। जिस व्यक्ति को कोई विशेष आपत्ति हो, उसे प्राधिकरण के सामने लिखित में आपत्ति दर्ज करवानी होगी।
निर्देशों का होगा कड़ाई से पालन
निदेशक जन स्वास्थ्य की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, जो पैथोलॉजी लैब पंजीकरण नहीं करवाएंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी सीएमएचओ को निर्देश दिए गए हैं कि पंजीकरण और पंजीकरण न करवाने वाले लैब की सूचना हर माह की 5 तारीख तक निदेशालय को भेज दी जाए। इसके अलावा, यह भी जोर दिया गया है कि सभी पैथोलॉजी लैब जल्द से जल्द अपना पंजीकरण करवा लें।
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