Gagron Fort: भारत के राजस्थान राज्य में ऐसे कई किले मौजूद है, जो अपनी अनोखी बात के लिए दुनिया में जाने जाते हैं। लोग यहां इन किलों की खूबरसूरती और इतिहास को जानने के लिए आते हैं। आज हम इस लेख में आपको गागरोन किले के बारें में बताएंगे, जो कई सालो से बिना नींव के एक नुकीली चट्टान के उपर बना हुआ है। पूरी दुनिया में इस किले की प्राचीन कला और धरोहर को खूब शोहरत मिली है।
किला का इतिहास
यह किला राजपूत वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण पेश करता है। जानकारी के लिए बता दें कि किला राज्य के झालावाड़ जिले में स्थित है। यह किले अपनी कलाकारी और गौरवमयी इतिहास के लिए मशहूर है। कहा जाता है कि जब यहां के राजा अचलदास खींची मालवा के शासक से युद्ध में हार गए थे, तब यहां की महिलाओं ने मालव के शासक से बचने के लिए खुद को जलती आग में जला लिया था।
चारों ओर पानी से घिरा है किला
12वीं शताब्दी में राजा बीसलदेव द्वारा गागरोन किला का निर्माण कराया गया था। इतिहासकारों के मुताबिक इस किले में करीब 14 योद्ध हुए है और 2 बार जौहर हो चुका है। इस किले की खास बात यह है कि यह उत्तर भारत का एक मात्र किला है, जो चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है, इसी कारण से इसे जलदुर्ग भी कहा जाता है।
किले में बने हैं 92 मंदिर
माना जाता है कि कई सालों पहले इस किले के अंदर 92 मंदिर हुआ करते थे, लेकिन आज यहां आपको शायद ही कोई मंदिर देखने को मिलेगा। सौ साल का पंचांग भी यही हुआ करता था।