Jaipur Doll Museum : राजस्थान अपनी संस्कृति के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है राजस्थान के जयपुर में एक ऐसा म्यूजियम स्थित है जहां पर आप पूरी दुनिया की संस्कृति के दर्शन एक साथ कर सकते हैं। इसमें यह म्यूजियम डॉल म्यूजियम के नाम से मशहूर है। ये म्यूजियम अपने अंदर दुनिया भर के संस्कृति समेटे हुए हैं । यहां हर साल जून के महीने में दूसरे शनिवार को वर्ल्ड डॉल डे के रूप में मनाया जाता है।
इस म्यूजियम के अंदर रखी गई और हर डाल अपने प्रदेश की खासियत को बताती है। कोई अपने आप पहनावे से तो कोई अपनी बनावट से कोई अपने काम करने के तरीके से बताता है कि उसमें क्या खास है। म्यूजियम में कार्टून कैरेक्टर से लेकर देसी विदेशी डॉल रखी गई है। इस संग्रहालय में 500 से अधिक गुड़िया रखी गई है।
डॉल म्यूजियम बनाने का उद्देश्य
कांति कुमार पोद्दार ने 7 दिसंबर 1974 को इस म्यूजियम की आधारशिला रखी थी। कांति कुमार पोद्दार पैसे से शिक्षक (प्रधानाध्यापक) थे। इस डॉल म्यूजियम को बनाने का पीछे का उद्देश्य था कि बच्चों को देश विदेश की संस्कृति की जानकारी प्राप्त करवाना था। इस अनोखी और संग्रहालय को राजस्थान सरकार ने 2014 में टूरिस्ट प्लेस घोषित कर दिया।
डॉल म्यूजियम की खासियत
इस डॉल म्यूजियम की खासियत है कि इसमें रखी गई डाल से आप भारत के हर राज्य का रहन-सहन और लिबास का अंदाजा लगा सकते हैं। म्यूजियम के अंदर 500 से अधिक डाल रखी गई है। संग्रहालय में दुनिया के अलग-अलग देश की गुड़िया भी रखी गई है जो उन देशों के संस्कृति के बारे में जानकारी प्रदान करती है। डॉल म्यूजियम में दुनिया के करीब 40 देश के संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।
कार्टून कैरेक्टर वाली डॉल
मॉडल संग्रहालय में मौजूद 500 से ज्यादा भारतीय संस्कृति को बताने वाले डॉल के साथ कार्टून कैरेक्टर वाली भी डाल है। डार्थ मॉल,बैटमैन,हल्क,हान,स्पाइडरमैन,सोलो जैसी डॉल्स मौजूद है जो बच्चों को बहुत भाती है।
इन देशों के मौजूद है डॉल
इस म्यूजियम में भारत के अलावा अन्य देशों के भी डाल है। स्पेन, डेनमार्क, मेक्सिको, जर्मनी,मिस्र,अफगानिस्तान, ईरान,बल्गारिया,आयरलैण्ड, ग्रीस,अमेरिका,अरब, स्वीडन, स्विटज़रलैंड, जापान, ब्रिटेन जैसे देशों की डॉल की डाल रखी गई है। यह डाल विभिन्न वेशभूषा में सजी हुई है जो अपने देश की संस्कृति की झलक को दर्शाती है।