Jaipur Literature Festival: जब साहित्य की बात आती है, तो हमारे ध्यान में बहुत से नाम आते हैं, जैसे- मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा इत्यादि। लेकिन अगर हम आज के समय की बात करें तो अमीश त्रिपाठी, विक्रम सेठ, अमृत्य सेन, सलमान रुश्दी, गुलज़ार, जावेद अख्तर आदि प्रमुख माने जाते हैं। राजस्थान के जयपुर जिले में प्रतिवर्ष एक साहित्य महोत्सव होता है।
Fms जयपुर साहित्य महोत्सव (JLF) कहते हैं। यह इतना विशाल होता है कि इसे "साहित्य का महाकुंभ" भी कहा जाता है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा साहित्य का शो भी कहा जाता है, जो पिछले 19 वर्षों से हर साल जयपुर में होता है। इसमें लगभग 2000 से ज्यादा वक्ता आते हैं और दस लाख से ज्यादा साहित्य प्रेमी इसका हिस्सा बनते हैं। जयपुर में होने वाले इस साहित्य में महाकुंभ में दूर-दूर से साहित्य के दिग्गज और वक्त आते हैं।
यहां की फेस्टिवल मार्केट बहुत ही शानदार होती है। इसमें बहुत से लेखक, रचनाकार, शिल्पकला अपनी किताबों की प्रदर्शनी लगाते हैं। इसके अलावा खूबसूरत और आकर्षित कपड़े से लेकर गहने भी आप यहां से ले सकते हैं। अगर आप खाने पीने के शौकीन हैं तो आपको यह महोत्सव बहुत ही लुभाने वाला है। आपका यहां राजस्थानी प्याज की कचौरियों मिलेगीं, जिसे खाकर आप आनंदित हो जाएंगे। यहां पर आपका बड़े बड़े लोगों से मिलना होगा, जो अपने साहित्यों की प्रदर्शनी लगाएंगे।
महोत्सव से जुड़ी कुछ पुरानी बातें
जयपुर साहित्य महोत्सव की शुरुआत सुषमा सीमा ने अपनी मधुर आवाज से की थी, जो कर्नाटक संगीत की एक मशहूर गायिका थी। यह महोत्सव डिग्गी पैलेस होटल में होता है। महोत्सव के सत्र डिग्गी पैलेस के उद्यानों में होते हैं तथा निर्देशक नमिता गोखले और विलियम डेलरिंपल हैं। निर्माताओं में संजय राय और टीमवर्क है। सबसे पहले इस महोत्सव की नींव जयपुर विरासत फाउंडेशन ने रखी थी।
इसकी शुरुआत बहुत खूबसूरत हुई थी, जिससे यह अच्छे से होता रहा और 2008 में यह महोत्सव साहित्य का एक स्वतंत्र व बड़ा बनकर सामने आया। इसके क्षेत्रीय सलाहकार विनोद जोशी जी हैं। आपको बता दें कि महोत्सव के लिए कोई फीस नहीं लगती। आप नि:शुल्क महोत्सव का हिस्सा बन सकते हैं और आनंद उठा सकते हैं।
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