Rajasthan Tradition: राजस्थान अपनी अतरंगी परंपरओं के लिए जाना जाता है। अलवर का ऐसा गांव जहां भारतीय ही नहीं, बल्कि विदेशियों द्वारा भी पत्थर के बर्तनो में दाल, बाटी चूरमा खाना काफी पंसद किया जाता है।
कहां है हनुमान मंदिर
ये हनुमान मंदिर राजस्थान के अलवर जिले से 50 किलो मीटर दूर रैणी तहसील के गांव डोरोली में स्थित है। यहां एक हनुमान जी का मंदिर है, जहां पत्थरों के बर्तन में प्रसाद दाल बाटी चूरमा बनाया जाता है और पर्थरों के ही बर्तन में लोगों को प्रसाद पड़ोसा भी जाता है।
पत्थर के बर्तनों का उपयोग
अलवर का ये डोरोली गांव तीनों तरफ से पहाड़ों की हरयाली से घिरा हुआ है। पहले से ही स गांव के लोग बड़ी संख्या में पत्थरों के बर्तन में खाना बनाया करते थे। यहां आटा पीसने की चक्की भी पत्थर का हुआ करता था।
पत्थरों के बर्तनों का व्यवसाय
इस गांव में बट्टा, चकला और मसाला पीसने की सिल भी पत्थरों से बनाया जाता था। जिनका व्यवसाय वो अपने आस-पास के गांव में रोजी रोटी के लिए किया करते थे। इन बर्तनों को बनाने वाले कारीगरों की संख्या ज्यादा नहीं थी, लेकिन आज ये पत्थर के बर्तन इस गांव की परंपरा के हिस्सा बन गए हैं।
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