Rajasthani jutti: राजस्थान राज्य जितना अपने इतिहास, किलों और ऐतिहासिक जगहों के लिए फैमस है, उतना ही यह प्रदेश अपनी कलाकारी के लिए जाना जाता है। यहां के कई कस्बे और गांव अपनी अनोखी कारीगरी के लिए पूरी दुनिया में फेमस हैं। इन्हीं में से एक है भरतपुर जिले के नदबई का एक छोटा सा गांव लालपुर, जहां की चमड़े की जूती न केवल राजस्थान में बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी काफी प्रसिद्ध है। देश के बड़े-बड़े मार्केट और दुकानों के लिए यहीं से ऑर्डर लिए जाते है।
20 दिन पहले करानी पड़ती है बुकिंग
लालपुर गांव में सालों से चमड़े की जूती बनाने का कारोबार किया जा रहा है। न केवल भारत से बल्कि दुनिया के कौने-कौने से इसकी डिमांड आती है। इसके लिए लोग लगभग 20 दिन पहले ऑर्डर देते है, तब जाकर उनका ऑर्डर तैयार होता है। गांव के लगभग 60 से 70 परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। सदियों से उनके पूर्वज यह कारीगरी कर रहे है। इनकी खास बात यह है कि आज मशीनी के दौर में भी हाथों से जूती तैयार की जाती है।
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इन राज्यों में की जाती है सप्लाई
जूती बनाने वाले कारीगरों के अनुसार लालपुर में बनने वाली चमड़े की जूती राजस्थान के अलावा पंजाब, यूपी मुंबई, दिल्ली और गुजरात में सप्लाई की जाती है। साथ ही विदेश से भी इनकी डिमांड आती है। लगभग 150 साल से यहां जूती बनाने का कार्य किया जा रहा है।
आगरा से लाया जाता है चमड़ा
कारीगर बलवीर जाटव ने बताया कि हमारी पांच पीढ़ियां यह कार्य करती आ रही हैं। जूती बनाने की कारीगरी उन्हें विरासत में मिली है। इसको बनाने के लिए सबसे पहले आगरा से चमड़ा खरीदकर लाया जाता है। इसके बाद हाथ से इसे तैयार किया जाता है। मजबूती के साथ-साथ इनकी डिजाइन की वजह से उन्हें खूब पसंद किया जाता है। हाथ से बनाने की वजह से एक दिन में केवल एक जोड़ी जूती ही तैयार की जाती है। इनकी कीमत लगभग 1 हजार से शुरू होती है।