Rajasthan Budget 2025: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने खनिज खदानों के बाहर लगे मलबे के पहाड़ों को हटाने का फैसला किया है। राजस्थान बजट 2025-26 में मलबे से मुक्ति के लिए योजना बनाकर आगे बढ़ने का संकल्प जताया गया है। इसके लिए राजस्थान सरकार ने खदानों के बाहर राजकीय भूमि में एकत्र खनिजों के मलबे से एम-सैंड बनाकर उपयोग में लेने पर रॉयल्टी में छूट देने का फैसला किया है। इससे बहुमूल्य जमीनों को मलबे से मुक्त कर पर्यावरण सुधार में भी लाभ मिल सकेगा।

सबसे अधिक राजस्व देते हैं खनिज

राजस्थान को सबसे अधिक राजस्व खनिज से मिल रहा है। भजनलाल सरकार का मानना है खदानों के बाहर जगह-जगह खड़े हो गए खनिज  मलबे के पहाड़ों का यदि नियोजित ढंग निस्तारण किया जाए तो एक तरफ राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी होगी वहीं दूसरी ओर बहुमूल्य राजकीय भूमि का अन्य उपयोग के साथ ही पर्यावरण सुधार में मदद मिलेगी। बता दें राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा, अलवर, चित्तौड़गढ़, बालोतरा, कोटा तथा बूंदी जिलों में जगह-जगह अवैध खनन के चलते मलबे के पहाड़ खड़े हो गए हैं।

भीलवाड़ा में हैं सबसे अधिक खदान

बता दें भीलवाड़ा जिले में सर्वाधिक खनन मांडलगढ़-बिजोलिया क्षेत्र में ही होता है। भीलवाड़ा, मांडल, जहाजपुर, कोटड़ी और मंगरोप क्षेत्र में अधिकांश खदानें हैं, जिन्हें नियम कानून ताक पर रखकर अवैध रूप से बड़ी संख्या में हैं। खनिज दोहन के बाद एक बड़े क्षेत्र में मलबे को पहले तो इधर-उधर फेंका गया और फलस्वरूप लगभग 500 हेक्टेयर भूमि पर खनिज  मलबे  के बड़े-बड़े पहाड़ खड़े कर दिए गए हैं।

कमजोर नीति बनी समस्या

बता दें पिछली सरकारों में खनिज विभाग ने खनन करने वालों को नीतिगत रूप से खनिज दोहन के बाद उत्पन्न मालवा मुक्ति का उपाय नहीं सोचा और न ही खदान मालिकों को भूमि समतल करने की शर्तों से पाबंध कोई प्रभावी नीति बनाई। इसका फायदा उठाकर खनन करने वालों ने खनन के बाद उत्पन्न मलवा वहीं छोड़ दिया। इससे पर्यावर्णीय असंतुलन इस कदर बढ़ गया कि जहां पहले पहाड़ थे वहां गहरी खाइयां बन गईं और जहां समतल भूमि थी वहां मलबे के पहाड़ खड़े हो गए।

सरकार ने बनाई निस्तारण की खास योजना

राजस्थान सरकार ने भीलवाड़ा खनिज विभाग की विजिलेंस टीम के सुझाव के आधार पर एक खास योजना बनाई है। इस योजना के तहत राजकीय भूमि पर खड़े मलबे के पहाड़ों से एम-सेंड बनाने पर रॉयल्टी में छूट दी जाएगी। इसके साथ ही गैर सरकारी भूमि पर बने मलबे से एम-सेंड सहित अन्य प्रयोजनार्थ बनाने पर रॉयल्टी में 50 प्रतिशत छूट का प्रावधान कर दिया गया है।  

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