Mukhyamantri Vishwakarma Pension Yojana: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने अपने कार्यकाल के एक वर्ष पूर्ण करने के अवसर पर एक घोषणा कर श्रमिक वर्ग को बड़ा उपहार दिया है। राजस्थान सरकार ने केंद्र की पीएम श्रमयोगी मानधन योजना की तर्ज पर ही मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना का आरंभ करने जा रही है। जिसके माध्यम से राज्य के असंगठित क्षेत्रों से जुड़े कामगार भी अब पेंशन का लाभ ले सकेंगे, जिनमें 41-45 वर्ष की आयु सीमा के मध्य के रेहड़ी-पटरी लगाने वाले, श्रमिक तथा लोक कलाकार अब 60 वर्ष की आयु प्राप्त करते ही 3 हजार रुपए प्रति माह पेंशन का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
जानें क्या है योजना की पात्रता
राजस्थान की भाजपा सरकार अपना एक वर्ष पूर्ण करने के अवसर पर श्रमिक वर्ग के लिए मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना का उपहार देने जा रही है। इस योजना के लाभ लेने के पात्र ऐसे श्रमिक वर्ग होंगे जिनकी मासिक आय 15 हजार से कम हो, साथ ही ऐसे योग्य पात्रों का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण होना भी अनिवार्य है। इसके अंतर्गत गली-गली सड़कों पर रेहड़ी पटरी लगाने वाले स्ट्रीट वेंडर, आम श्रमिक तथा लोक कलाकार इत्यादि हो सकते हैं।
बता दें ऐसे किसी भी आवेदक को अपात्र माना जाएगा जो आयकर दाता हो। इसके साथ जो पहले से ही एनपीएस, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि योजना तथा कर्मचारी भविष्य निधि योजना में लाभार्थी हो।
कब और कैसे प्राप्त होगा लाभ
मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना का पात्र व्यक्ति 60 वर्ष की आयु का होते ही 3 हजार रुपए प्रतिमाह प्राप्त करने के योग्य हो जाएगा। यह पेंशन पूर्व से प्राप्त हो रही वृद्धावस्था पेंशन के अतिरिक्त होगी। इसके अतिरिक्त लाभ के अनुसार यदि 60 वर्ष की आयु के पश्चात लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है, तो साथी आश्रित पति/पत्नी को आधी पेंशन राशि का लाभ प्राप्त होता रहेगा। साथ ही इस स्थिति में जमा राशि जमा राशि को ब्याज सहित प्राप्त करने का अधिकारी होगा।
बाहर निकलने की होगी ये शर्त
इस योजना की शर्तों के अनुसार यदि कोई आवेदक तीन वर्ष के लॉक इन पीरियड के पश्चात तथा 10 वर्ष से पूर्व बाहर निकलना चाहता है, तो उसे जमा राशि के साथ-साथ बचत खाते पर प्राप्त होने वाली ब्याज दर के साथ राशि लौटा दी जाएगी। यदि 60 वर्ष की आयु से पूर्व तथा 10 वर्ष के अंदर योजना से बाहर आने पर आवेदक को बचत खाते की ब्याज दर अथवा वास्तविक ब्याज के आधार पर मूलधन के साथ राशि लौटाई जाएगी। एक अन्य शर्त के अनुसार 60 वर्ष आयु से पूर्व आवेदक के निःशक्त हो जाने पर पेंशन निधि में जमा राशि तथा जमा ब्याज को आवेदक पूरी तरह निकाल सकेगा। जबकि सरकार द्वारा जमा अंशदान पेंशन निधि में जमा रहेगा।