Rajasthan politics: कांग्रेस की बांटो और राज करो की राजनीति पर राजस्थान की भजनलाल सरकार ने तगड़ा प्रहार किया है, इसी दिशा में गहलोत राज में राजधानी जयपुर सहित जोधपुर तथा कोटा नगर निगमों को दो भागों में बांट देने के फैसले को भजनलाल सरकार ने फिर से पलट दिया है।इन नगर निगमों का एकीकरण करने का फैसला करते हुए यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि इससे जनता के हित में प्रशासनिक सुगमता बढ़ेगी तथा अनावश्यक प्रशासनिक मशीनरी का उपयोग राज्य के विकास में अन्यत्र किया जाएगा।
इन तीन शहरों का होगा प्रशासनिक परिसीमन
भजनलाल सरकार ने राजधानी जयपुर सहित जोधपुर तथा कोटा नगर निगमों का पुनः एकीकरण करने का बड़ा फैसला किया है। इसके अंतर्गत जयपुर ग्रेटर तथा हेरिटेज नगर निगम का एकीकरण होगा। 16 फरवरी रविवार से ही वार्ड परिसीमन कर नए वार्ड बनाने के रूप में हो जाएगी, जो 20 फरवरी तक जारी रहेगी। इसी प्रकार जोधपुर तथा कोटा के क्रमशः उत्तर तथा दक्षिण नगर निगमों का एकीकरण कर वार्ड परिसीमन किया जाएगा। इसके बाद जयपुर, जोधपुर तथा कोटा में नए वार्डों की संख्या क्रमशः 150, 100 तथा 100 तक हो सकती है।
फैसला बदलने के पीछे का कारण
भजनलाल सरकार के शहरी एवं आवास विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा के अनुसार गहलोत सरकार ने यह नगर निगमों के बंटबारे का फैसला राजनीतिक लाभ पाने के उद्देश्य से लिया गया था, जिससे शहरी प्रशासनिक कमजोरी का शिकार हो गया। नगरीय विकास प्रभावित होने के साथ ही अनावश्यक जटिलताएं पैदा हो गई थी। सरकार का मानना है कि एकीकरण से एक समान विकास के साथ ही पारदर्शी व्यवस्था का निर्माण होगा।
परिसीमन के बाद होंगे नए बदलाव
भजनलाल सरकार ने स्वायत्त शासन विभाग(यूडीएच) को वार्ड परिसीमन तथा पुनर्गठन का उत्तरदायित्व सौंप दिया है। एक आदेश जारी करते हुए निर्देश दिया है कि 16-20 फरवरी तक परिसीमन प्रक्रिया को पूरी कर लिया जाए। परिसीमन के पश्चात वार्ड वाइज जनसंख्या तथा क्षेत्रफल का प्रशासकीय संतुलन बनाया जाएगा। ताकि संसाधनों के बेहतर उपयोग से तीव्र विकास हो सके। बता दें-
• जयपुर के दोनों वर्तमान (ग्रेटर तथा हेरिटेज) नगर निगमों के कुल 250 वार्डों का एकीकरण कर कुल 150 वार्ड किए जा सकते हैं।
• इसी प्रकार जोधपुर तथा कोटा के वर्तमान (उत्तर तथा दक्षिण) नगर निगमों के कुल 200-200 वार्ड़ों का एकीकरण कर 100-100 वार्ड किए जाने की योजना है।
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