Rajasthan Politics: राजस्थान की भजनलाल सरकार द्वारा 9 जिलों तथा 3 संभागों को निरस्त कर देने का मामला राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है। आरोप प्रत्यारोपों का सिलसिला तेज हो गया है। इसी क्रम में अब भाजपा ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर सीधा निशाना साधा है।
राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष मदन राठौर ने पूर्व सीएम पर बयान देते हुए कहा कि विधायकों को खुश करने के लिए आनन-फानन में नए जिलों के गठन की घोषणा की गई थी। ताकि अपनी अस्थिर सरकार को समर्थन मिल सके। जबकि धरातल पर राज्य के हित को देखते हुए इतने सारे नए जिलों का एकदम गठन करना न तो व्यवहारिक था और न ही जनहित में था।
विधायकों को खुश करने के लिए किया गठन
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत की सरकार सचिन पायलट के साथ गुटबाजी में फंस जाने के कारण अल्पमत में थी। पायलट के विधायक एक खेमे में बंट कर होटलों में बैठ गए थे। उधर गहलोत भी अपने गुट के विधायकों के साथ जाकर होटलों में बैठ चुके थे। जिससे सरकार अल्पमत में गिरने की संभावना बन गई थी। इसलिए तत्काल परिस्थितियों में सरकार को बचाने के लिए अशोक गहलोत ने निर्दलीय विधायकों को खुश करने के लिए उनके गृह नगर को जिले बनाने की घोषणा कर दी।
स्थानीय जनता की ओर से नहीं उठी मांग
प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि अशोक गहलोत सरकार अपने पांच साल आपसी गुटबाजी में सरकार बचाने में ही लगी रही। जबकि जिलों के गठन की मांग को लेकर स्थानीय जनता ने कभी कोई आंदोलन तक नहीं किया था। इसके बावजूद गहलोत सरकार के नए जिलों के गठन की घोषणा इसलिए भी अव्यावहारिक थी जब चुनाव आचार संहिता एक दिन बाद ही लागू होने वाली थी।
जनता के साथ धोखेबाजी थी जिलों की घोषणा
भाजपा अध्यक्ष का आरोप था कि नए जिलों की घोषणा व्यावहारिक तौर पर एक धोखेबाजी के अलावा कुछ भी नहीं थी। क्योंकि गहलोत सरकार ने नए जिलों की केवल खोखली घोषणा कर दी जबकि घोषणा के क्रियान्वयन की दिशा में न तो कोई वित्तीय सहायता जारी की और न ही कोई कार्यालय संसाधनों आदि की व्यवस्था के लिए भूमि प्रबंधन किया।
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