Rajasthan Anti Conversion Bill: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने उपचुनाव की आचार संहिता हटने के पश्चात शनिवार 30 नवंबर को हुई मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में कई महत्वपूर्ण नीतिगत बिलों को स्वीकृति दे दी। जिसमें लव जिहाद इसके साथ ही भाजपा सरकार ने अपने संकल्प पत्र पर आगे बढ़ते हुए अगले विधानसभा सत्र में ही विधेयक को प्रस्तुत करने का निर्णय लिया है, जो राज्य में हो रहे बलात् धर्म परिवर्तन की घटनाओं को रोकने में कठोरता से लागू होगा। विधेयक के अनुसार किसी भी प्रकार के बलात् धर्म परिवर्तन के अपराध में सिद्ध हुए व्यक्ति अथवा समूह को 10 वर्ष तक के कठोर कारावास के साथ ही आर्थिक दण्ड का भी प्रावधान किया गया है।
जानें क्या है विधेयक?
भजनलाल सरकार ने आने वाले विधानसभा सत्र में धर्मांतरण विरोधी बिल लाने का निर्णय कर लिया है। विधानसभा सत्र से पूर्व अपनी नीतिगत तैयारी को धार देते हुए, सीएम की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की एक विशेष बैठक में विधेयक को लेकर सहमति बन गई। जिसमें गुजरात सहित कई अन्य राज्य सरकारों द्वारा बनाए गए कानूनों के प्रावधानों का अध्ययन कर एक अंतिम ड्राफ्ट को स्वीकृति दे दी गई। जिसके अनुसार अब नाम और धर्म बदलकर किसी का धर्मांतरण करने तथा लव जिहाद जैसे किसी अपराध पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बैठक के पश्चात डिप्टी सीएम डॉ प्रेमचंद भैरवा तथा विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जानकारी देते हुए कहा कि अब लालच या धमकी देकर धर्मांतरण अपराध माना जाएगा। किसी एससी-एसटी अथवा नाबालिग को धर्मांतरण को विवश करता है तो 10 वर्ष तक का कठोर कारावास का प्रावधान होगा। प्रथम बार अपराध सिद्ध होने पर 5 वर्ष तक का कारावास होगा।
लव जिहाद को किया परिभाषित
लव जिहाद जैसे अतिसंवेदनशील विषय को लेकर दी गई। विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने स्पष्ट करते हुए बताया कि विधेयक में विशेष ध्यान रखते हुए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है, तो तय तिथि से 60 दिन पूर्व इस आशय का एक आवेदन संबंधित जिला के जिलाधिकारी को देना होगा।
इस अवधि में जिलाधिकारी जांच कर उस धर्मांतरण की वैधानिकता को तय करेंगे कि यह धर्म परिवर्तन स्वैच्छिक है अथवा बलात धर्मांतरण किया जा रहा है। इसके साथ ही यदि जिलाधिकारी को लगता है कि आवेदक को किसी भी प्रकार का प्रलोभन अथवा दबाव नहीं डाला गया है। तब ही अंतिम स्वीकृति प्रदान की जाएगी।