Land Conversion Rules Amendment Bill in Rajasthan: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने आचार संहिता हटने के तत्काल पश्चात शनिवार 30 नवंबर को हुई अपने मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में कई महत्वपूर्ण नीतिगत बिलों को स्वीकृति दे दी थी। सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा तथा संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल सहित मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने इस बैठक में भाग लिया था।
इसी बैठक में राजस्थान के एससी-एसटी वर्ग के लोगों के लिए लैंड कन्वर्जन रूल्स-2007 में एक बड़ा नीतिगत परिवर्तन करने की कैबिनेट के सुझाव को स्वीकृति भी दे दी गई थी। जिससे दलित-आदिवासी वर्ग को अपनी भू संपदा के उपयोग करने में बड़ी ढील मिल जाएगी।
जिसको कई अन्य व्यावसायिक कार्यों में उपयोग करने का अधिकार मिल जाएगा। राजस्थान की भाजपा सरकार का यह निर्णय राज्य की दलित-आदिवासी समाज की एक बड़ी जनसंख्या को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा बल प्रदान करेगी। अब यह बिल विधानसभा के आने वाले शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।
एससी-एसटी वर्ग के लिए थी बड़ी कानूनी अड़चन
सीएम भजनलाल ने अपने कार्यकाल के एक वर्ष पूरा होने की उपलब्धि को अपने दूरदर्शी निर्णयों से सिद्ध कर दिया है। शीतकालीन सत्र की तैयारी के रूप में उन्होंने शासन से लेकर प्रशासन तक सभी के लिए कुछ न कुछ गुड गवर्नेंस के तौर पर प्रदान किया है। ऐसे ही एक नीतिगत परिवर्तन के रूप में दलित-आदिवासीवर्ग के आर्थिक उत्थान के लिए सीएम भजनलाल ने राज्य के लैंड कन्वर्जन रूल-2007 में संशोधन को लेकर स्वीकृति प्रदान कर दी।
इस आशय की जानकारी देते हुए संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि वर्तमान में राज्य के दलित-आदिवासी समाज के व्यक्तियों को भू राजस्व नियम-2007 का नियम 6(बी) ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि का अकृषि प्रयोजनार्थ संपरिवर्तन का अधिकार नहीं देता है।
इसके साथ ही काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 42 बी के प्रावधानों के कारण एससी-एसटी वर्ग के किसानों को अपनी कृषि भूमि का उपयोग अकृषि प्रयोजनार्थ ऐसे उपयोग की अनुमति नहीं देता, ताकि उसका आर्थिक आय का कोई अन्य साधन जुटा स्वयं को सशक्त कर सकें।
जानें नए बिल से लैंड यूज में कैसे मिलेगा लाभ
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि भजनलाल सरकार के द्वारा लैंड कन्वर्जन रूल-2007 के संशोधन बिल को स्वीकृति देकर एससी-एसटी वर्ग के किसानों की बड़ी अड़चन को दूर कर दिया है। उपरोक्त अधिनियमों के कारण किसान अपनी कृषि भूमि को आय के अन्य अकृषि विकल्पों में उपयोग नहीं कर पा रहे थे।
अब इस नए संशोधन बिल के पास हो जाने के पश्चात दलित-आदिवासी काश्तकार अपनी कृषि भूमि का उपयोग आधुनिक आय के विकल्प बन चुके सौर ऊर्जा फॉर्म, सौर ऊर्जा प्लांट, सौर ऊर्जा पावर प्लांट, विंड एनर्जी प्लांट के लिए लैंड यूज को सुगमता से परिवर्तन करा सकेंगे।
इसके साथ ही अब लैंड यूज के कन्वर्जन में जो शुल्क देय होता था, एससी-एसटी को इससे छूट का प्रावधान किया जाएगा। साथ ही साथ कन्वर्जन कराए जाने पर जोत तक रिकॉर्डेड पहुंच मार्ग होने की अनिवार्यता की बजाय ऐसे काश्तकार की पहुंच मार्ग होने बाबत स्वघोषणा ही अब पर्याप्त होगी।