Rising Rajasthan Summit: राजस्थान की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने की दिशा में सीएम भजनलाल ने औद्योगिक विकास और निवेश का एक रोडमैप तैयार किया है। जिसके तहत राज्य ने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट का आयोजन कर लगभग 35 लाख करोड़ के एमओयू हस्ताक्षर करने में सफलता प्राप्त भी कर ली।
अब सीएम भजनलाल ने स्वयं इन हस्ताक्षरित एमओयू में से ऐसे उन छोटे- छोटे एमओयू की त्रिस्तरीय समीक्षा करने का निर्णय किया है। जिनकी सीमा 1000 करोड़ रुपए से ऊपर तक में विभाजित की गई है। जिसके बाद उनका समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन किया जाएगा।
जानें क्या है ये त्रिस्तरीय व्यवस्था
जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान की भजनलाल सरकार ने राज्य के औद्योगिक विकास की दिशा में निवेश को लेकर एक कार्ययोजना तैयार की थी। जिसके तरह ही विगत दिसंबर माह में जयपुर में राइजिंग राजस्थान समिट आयोजन की गई। जिसमें देश-विदेश के कई जाने-माने उद्योगपतियों तथा उनके समूहों ने विश्वास जताकर लाखों करोड़ के एमओयू भी हस्ताक्षर कर दिए थे। उन्हीं के क्रियान्वयन को लेकर सीएम भजनलाल ने एक त्रिस्तरीय समीक्षा योजना तैयार की है।
जिसके अंतर्गत 100 करोड़ तक के एमओयू की समीक्षा साप्ताहिक रूप में विभागीय सचिव करेंगे। इसके बाद 100-1000 करोड़ रूपए तक के एमओयू की समीक्षा सरकार के मुख्य सचिव हर 15 दिन पर किया करेंगे। वहीं 1000 करोड़ से ऊपर के सभी एमओयू की समीक्षा सीएम भजनलाल स्वयं हर माह करेंगे।
दिसंबर 2025 में प्रस्तुत होगी प्रगति रिपोर्ट
बता दें सीएम भजनलाल शर्मा ने राइजिंग राजस्थान समिट के समय ही राज्य की जनता के साथ निवेशकों से संकल्प जताया था कि राज्य सरकार समयबद्ध तरीके से पूरी पारदर्शिता के साथ निवेश की प्रगति पर नजर रखेगी। इसके साथ ही दिसंबर 2025 में इस आशय की प्रगति रिपोर्ट को प्रस्तुत करेगी।
राइजिंग राजस्थान समिट के माध्यम से बड़ी संख्या में 35 लाख करोड़ रुपए के एमओयू साइन हुए। जिनमें लगभग 32 लाख करोड़ के 261 एमओयू तो ऐसे साइन हुए जिनकी अनुबंध राशि 1000 करोड़ से ऊपर है। तो लगभग 3.5 लाख करोड के 1678 एमओयू ऐसे हैं जिनकी अनुबंध राशि 100-1000 के मध्य है। वहीं लगभग 90 हजार करोड़ के 9726 एमओयू की अनुबंध राशि 100 करोड़ से कम वाली है।