Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने फोन टैपिंग के पूरे मामले में पूर्व सीएम को अपनी सरकार बचाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। वह टोंक के एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उन्होंने मीडिया से बातचीत में सचिन पायलट को टारगेट करने को लेकर खुलासा किया कि इस पूरे प्रकरण में “यह एक कवायद या एक षडयंत्र था कि कैसे पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट तथा गजेंद्र सिंह शेखावत की छवि को खराब किया जाए।” अब क्राइम ब्रांच गहलोत को नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है।

फोन टैपिंग पर बोले लोकेश शर्मा

पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने 2020 में राजस्थान के उस बहुचर्चित फोन टैपिंग केस पर खुलासा करते हुए कहा कि जब यह घटना हुई तब न ही मैं फोन टेप कर सकता था और न ही मैं इसमें शामिल था। फोन टैपिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें सीएम, गृह मंत्री, गृह सचिव तथा पुलिस महानिदेशक जैसे स्तर पर कई स्वीकृतियों को लेना पड़ता है।

मुझे तो तत्कालीन सीएम गहलोत ने एक पेन ड्राइव मीडिया तक पहुंचाने का जिम्मा सौंपा था, जिसमें ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग थी। मैं तो सिर्फ जो निर्देश दिए गए थे उन्हें पूरा करने की अपनी जिम्मेदारी निभा रहा था।

सीएम गहलोत ने दिया मुझे धोखा  

लोकेश शर्मा ने पूर्व सीएम गहलोत पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि “पूर्व सीएम तो 5 साल कुर्सी बचाने में सफल हुए, लेकिन मुझे जिस व्यक्ति (गहलोत) ने भरोसा दिया था कि हम आपका कुछ नहीं होने देंगे, चाहे सुप्रीम कोर्ट ही क्यों न जाना पड़े। विधानसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने इस मामले से खुद अलग कर दिया। जो काम मैंने किया ही नहीं, उसके लिए क्यों खुद को दोषी बनाऊं और परिवार प्रताड़ित होता रहे। क्योंकि पिछले 3 साल से दिल्ली क्राइम ब्रांच के सवालों का जवाब देता रहा।

पायलट को था निशाना बनाने का षड्यंत्र

मैंने क्राइम ब्रांच की पूछताछ में अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी कि मेरा इसमें कोई मामला नहीं है। मैंने कोर्ट से सरकारी गवाह बनने की अनुमति दें ताकि सच सामने लाने का मौका दिया जाए। तभी उनसे पूछा गया कि क्या ये सब सचिन पायलट को निशाना की कोशिश की गई थी। तब उन्होंने बताया कि “यह एक कवायद या एक षड्यंत्र था कि कैसे पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट तथा गजेंद्र सिंह शेखावत की छवि को खराब किया जाए।