Madan Dilawar Order: राजस्थान सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन लाने के लिए कई प्रयास कर रही है। भजनलाल सरकार के द्वारा शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक आवश्यकताओं को देखते हुए उसके आधारभूत ढांचे से लेकर उसको सांस्कृतिक रूप से अनुशासित स्वरूप में लाना चाह रही है। ताकि देश के अन्य विकसित राज्यों के साथ सामंजस्य बना सके।  

इसी दिशा में राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने बूंदी में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में उन्होंने शिक्षा विभाग तथा ग्रामीण विकास की कई योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। इसके साथ ही तमाम कल्याणकारी योजनाओं के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए। बैठक में शिक्षा अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए कि स्कूलों में अनिवार्य रूप से सूर्य नमस्कार कराने तथा आवश्यक तैयारियां रखने का आदेश दिया।

अधिकारी गांव में 4 दिन करे रात्रि विश्राम

इस बैठक में मदन दिलावर ने पंचायती राज के अधिकारियों को स्पष्ट आदेश देते हुए कहा कि ग्रामीणों की समस्या के बारे में जानकारी प्राप्त कर उनका निस्तारण कर राहत सुनिश्चित करें। इसके लिए दिशा निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी प्रति माह 4 दिन गांव में रात्रि विश्राम आवश्यक रूप से करें। साथ ही एक ही गांव में बार-बार विश्राम न हो, किसी भी गांव में शाम 6 बजे गांव में पहुंचने के बाद अगली सुबह उस गांव से प्रस्थान कर जाएं। इसी अवधि में गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याओं को सुनें और उनका समाधान सुनिश्चित करें।

इसके साथ-साथ अधिकारियों को हिदायत देते हुए निर्देश दिया कि राजस्थान सरकार की मंशा के अनुरूप ही रात्रि विश्राम के दौरान आयोजित होने वाली चौपालों का रिकॉर्ड दर्ज नियमित दर्ज किया जाए। इस दौरान यह सुनिश्चित हो कि आम जनों को उनकी समस्याओं से राहत मिले।

प्लास्टिक मुक्त गांव पर दिया जोर

पंचायती राज मंत्री ने अपने निर्देशों में ग्रामीण स्वच्छता के अंतर्गत राजस्थान को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में गांवों को भी प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए एक कार्य योजना बनाएं। उन्होंने कहा गांव की नालियों की नियमित सफाई हो। साथ ही पर्यावरण के संरक्षण के लिए राजकीय कार्यालयों सहित दैनिक जीवन में प्लास्टिक उपयोग को स्वतः प्रतिबंधित करें।

ग्रामीण विकास के लिए जिस मद में राशि का आवंटन किया गया है उसी मद में व्यय किया जाए। यदि इस प्रकार के आदेशों में किसी भी प्रकार की अनियमितता अथवा अवहेलना पायी जाती है तो जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
 
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