WhatsApp Chat can be a Big Valid Evidence: आज कल की व्यस्त जिंदगी में तकनीक के प्रयोग ने बड़ा भारी अंतर ला दिया है। इसी प्रकार हम सब लगभग सभी दैनिक कार्यों में सोशल मीडिया एप व्हाट्सएप का उपयोग करने के आदी हो गए हैं, जिसने चाहे व्यापार हो या निजी कामकाज, सब कुछ आसान और समय बचाने वाला प्रमुख हथियार बन गया है। ऐसे ही इन ऐप का दुरुपयोग भी आपराधिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हो गया है। जो अब तक अपराध की श्रेणी में तकनीकी तौर पर वैध नहीं था। लेकिन जोधपुर हाईकोर्ट के एक फैसले ने व्हाट्सएप चैट के द्वारा कारित की गई आपराधिक गतिविधियों को अब वैध सबूत के दायरे में ला दिया है।

जानें क्या है पूरा मामला

प्राप्त जानकारी के अनुसार 5 साल पहले एक समूह पर की गई आयकर विभाग की कार्रवाई में की गई सर्च और जब्ती के तौर पर व्हाट्सएप चैट पाई गई थी, जिसमें जमीनों की खरीद फरोख्त तथा उससे की गई अवैध कमाई के बारे में आपसी चैट को सबूत के तौर पर जोधपुर हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया गया था। वहीं समूह की ओर से आयकर विभाग द्वारा पेश की गई चैट को कार्रवाई में शामिल नहीं करने को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। बता दें न्यायालय अधिनियम की धारा 153 सी के तहत कार्रवाई को चुनौती देने वाली ओम कोठारी समूह के संचालक गिरिराज पुगलिया की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जिसमें याचिकाकर्ता ने वित्त वर्ष 2019-20 में करीब 42 लाख रुपए की आय का रिटर्न दाखिल किया गया था। इसके बाद ही आयकर विभाग की जब्ती में व्हाट्सएप चैट बतौर सबूत पेश की गई थी।

इनकम टैक्स के मामले माना बनाया सबूत  

जोधपुर हाईकोर्ट ने समूह द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज करते हुए कहा गया कि आयकर विभाग द्वारा चैट में दी गई जानकारी विशिष्ट लेन-देन द्वारा पूरी तरह पुष्टि की गई थी। अतः इसीलिए उक्त चैट को धारा 153 सी के तहत ‘अन्य दस्तावेजों’ की परिभाषा के तहत वैध सबूत माना गया। जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस चंद्र प्रकाश श्रीमाली की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि धारा 153 सी का दायरा धारा 153 ए से उत्पन्न होने वाले ‘अन्य व्यक्ति’ के संबंध में कार्यवाही को प्रतिबंधित करना नहीं है, बल्कि ऐसे आह्वान को सक्षम करना है ताकि कोई ऐसा साक्ष्य हो जो विशिष्ट हो और तथ्यों द्वारा पुष्टि की गई हो, तो ऐसे ‘अन्य व्यक्ति’ के लिए बचना संभव न हो।

ये भी पढ़ें-  Ram Mandir Ayodhya: राम दरबार की मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे जयपुर के मूर्तिकार, जानें कब होगी प्राण-प्रतिष्ठा