Rajasthan Renewable Energy: केंद्रीय नवीकरण ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राजस्थान के सीएम भजनलाल संग मंगलवार को जयपुर में क्षेत्रीय समीक्षा बैठक को आयोजित किया। इस बैठक के माध्यम से उन्होंने पीएम मोदी के 2030 तक अक्षय ऊर्जा का उत्पादन 500 गीगा वाट करने की दिशा में प्रतिबद्धता व्यक्त की। इसके साथ ही इस लक्ष्य पाने की दिशा में राज्यों की भागीदारी को इंगित करते हुए राजस्थान के सिरमौर बनने की संभावना का भी प्रमुखता से उल्लेख किया। सीएम भजनलाल ने भी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में राजस्थान की बड़ी भूमिका निभाने का संकल्प किया।

सीएम ने दिया 2030 का लक्ष्य

इस क्षेत्रीय समीक्षा बैठक में सीएम भजनलाल ने नवीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान की अपार संभावनाओं पर बल दिया। उन्होंने बताया कि कैसे ‘विकसित राजस्थान’ 2047 की दिशा में राज्य अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में बड़ी भूमिका निभाएगा। सरकार के द्वारा उठाए कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने इस दिशा में राजस्थान स्वच्छ ऊर्जा नीति 2024 जारी की है, जिसमें 2030 तक पहले लक्ष्य के तौर पर 125 गीगा वॉट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने का लक्ष्य तय किया है।

जो कि पीएम मोदी की 2030 तक अखिल भारतीय स्तर पर 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य में अग्रणी भूमिका निभाएगा। इस प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में केंद्र के साथ ही राजस्थान सरकार भी तेजी से काम करेगी।

राजस्थान कुसुम योजना में अग्रणी

सीएम भजनलाल ने बताया कि कैसे राइजिंग राजस्थान समिट में हुए 35 लाख करोड़ के निवेश समझौतों में 28 लाख करोड़ तो अकेले ऊर्जा क्षेत्र में ही हुए हैं। इससे पहले ही राजस्थान कुसुम योजना में देश में अग्रणी राज्य बन चुका है। इसके अंतर्गत 5000 मेगावाट से अधिक की सोलर परियोजनाओं को विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने 5 हजार मेगावॉट की नई क्षमता आवंटित करने के लिए मोदी सरकार का आभार व्यक्त किया। वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 5 लाख घरों रूफटॉप संयंत्र लगाने की प्रक्रिया जारी है।

कई राज्यों के मंत्री-अधिकारी हुए शामिल

इस समीक्षा बैठक के उद्घाटन सत्र में कई राज्यों के मंत्रियों-अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें हरियाणा से ऊर्जा मंत्री अनिल विज, जम्मू-कश्मीर के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री सतीश कुमार शर्मा, हिमाचल प्रदेश के टाउन और कंट्री प्लानिंग, आवास प्रबंधन मंत्री राजेश धर्माणी शामिल रहे।

इसके साथ ही केंद्रीय सचिव एमएनआरई निधि खरे, केंद्रीय अतिरिक्त सचिव एमएनआरई सुदीप जैन सहित राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश से भी वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।  

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