Rajasthan New Districts: राजस्थान में पिछली अशोक गहलोत सरकार में बनाए 8 नए जिलों की घोषणा की गई थी। किंतु राजनीतिक स्वार्थ में बिना किसी होमवर्क के घोषणा कर दी गईं। वर्तमान भजनलाल सरकारभजनलाल सरकार को भी जनहित को ध्यान रखते हुए इनको बरकरार रखने का निर्णय लिए 2 माह पूरे हो गए है। लेकिन अधूरी व्यवस्थाओं के कारण यहां के आमजन की दैनिक कामकाज कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इन जिलों के जिला कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक ने कामकाज शुरू कर दिया।

आधारभूत ढांचे के अभाव से आ रही समस्या

बता दें विगत विगत गहलोत सरकार ने चुनावी लाभ हेतु आनन-फानन में नए जिलों को बनाने की घोषणा कर दी थी। लेकिन इसके आधारभूत सुविधाओं के क्रियान्वयन के लिए किसी प्रकार का बजट आवंटनआवंटन नहीं किया और न ही कोई योजना बनाई थी। फलस्वरूप भजनलाल सरकार के द्वारा सत्ता में आने के बाद जब जांच की तो पाया कि गहलोत सरकार कांग्रेस नेताओं के निज हित के आरोपों में जिला मुख्यालय तथा अन्य तंत्र हेतु कोई भूमि आवंटित नहीं की है। जिसके कारण बालोतरा तथा डीडवाना-कुचामन सहित कई जिलों के प्रशासनिक कार्य पुराने जिलों से ही किए जा रहे हैं।

जानें क्या है नए जिलों की वस्तुस्थिति

1. बालोतरा
• अभी तक जिला मुख्यालय हेतु भूमि आवंटन तक नहीं हुआ
• कलेक्ट्रेट का कामकाज एक स्कूल से हो रहा है
• जिला परिषद तथा रोजगार कार्यालय तक नहीं, प्रशासनिक स्वीकृति के लिए बाड़मेर भाग दौड़ हो रही है।
2. डीडवाना-कुचामन
• 18 कार्यालयों की स्वीकृति के बावजूद मिनी सचिवालय की स्वीकृति नहीं
• जिला परिषद के गठन के लिए परिसीमन का इंतजार
• सांसद-विधायक कोष की स्वीकृति सहित पंचायती राज कार्य के लिए नागौर पर निर्भर
3. सलूम्बर
• मुख्यालय हेतु जमीन आवंटन का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास लंबित
• कलेक्ट्रेट का कामकाज एक महाविद्यालय के छात्रावास से संचालित
• जिला कार्यालय अस्थाई व्यवस्था के कारण अस्त व्यस्त
4. डीग
• जिला मुख्यालय हेतु भूमि आवंटन नहीं हुआ
• शिक्षा विभाग सहित कई कार्यालयों में अधिकारी ही नहीं
• सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को जिला अस्पताल तथा उप कारागार को जिला कारागर में बदला जाएगा
5. ब्यावर
• जिला मुख्यालय को जमीन तक आवंटित नहीं, वहीं कलेक्ट्रेट का कामकाज उपखंड कार्यालय से संचालित
• एसपी कार्यालय शहर से 10 किमी दूर किराए के भवन में
• सीएमएचओ को अस्पताल के खाली भवन से तथा ग्राम पंचायत गणेशपुरा के भवन से जिला परिषद का कामकाज
6. फलौदी
• जिला मुख्यालय हेतु 400 बीघा भूमि आवंटित, मिनी सचिवालय के लिए 1.25 करोड़ स्वीकृत
• जिला आईडी नहीं बनने से आंकड़े पुराने जिलों से लेने पड़ रहे
• कलेक्टर-एसपी कार्यालय को छोड़कर अधिकांश जगह ब्लॉक अधिकारी-कर्मचारी ही कार्यरत हैं।
7. खैरथल-तिजारा
• नगर परिषद बोर्ड की बैठक के अभाव में भूमि आवंटन तक नहीं हुआ
• पुलिस अधीक्षक कार्यालय किराए के भवन में संचालित है जबकि कलेक्ट्रेट का कामकाज मंडी समिति परिसर से हो रहा है।
• ट्रेजरी, शिक्षा विभाग सहित अधिकांश कार्यालयों में तो न संसाधन है और न ही स्टाफ
8. कोटपूतली-बहरोड़
• जिला मुख्यालय हेतु कालूखेड़ा-पनियारा में 200 बीघा भूमि आवंटित लेकिन निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ
• मात्र जिला परिवहन कार्यालय का ही निर्माण कार्य चल रहा है।
• अभी तक अधिकतर कार्यालयों के पोर्टल तक अपडेट न होने के कारण पुराने जिलों से ही कार्य हो रहे हैं।

ये भी पढ़ें- 10वीं पास युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी: आरएसएसबी की इस भर्ती परीक्षा हेतु ऑनलाइन आवेदन शुरू, जानें पूरी प्रक्रिया