Rising Rajasthan History: राजस्थान को विकसित राज्य की श्रेणी में शीर्ष स्थान दिलाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा विकास की सभी योजनाओं को ध्यान में रखकर तेजी से काम कर रही है। प्रदेश सरकार किसानों, नौजवानों के बेहतरी के लिए ठोस निर्णय ले रही है। आने वाले दिनों में इसके व्यापक परिणाम दिखेंगे।

आज, नौ दिसबंर से 11 दिसंबर तक राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 का आयोजन गुलाबी नगरी जयपुर में किया जा रहा है। इस समिट का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। इस इवेंट में देश और विदेश के बड़े उद्योगपति जुड़ें हैं। तकरीबन दस देशों के एम्बेसडर समेत 32 देशों के मंत्री इस समिट का हिस्सा बनेंगे।

प्रदेश में होता रहा है इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन

गौरतलब है कि प्रदेश के आर्थिक विकास को लेकर राज्य सरकार द्वारा ऐसे समिट का आयोजन किया जाता रहा है। पिछली गहलोत सरकार ने भी राजस्थान में वैश्विक निवेश, तकनीकी क्षमताओं को मजबूती प्रदान करने के लिए ‘इन्वेस्ट राजस्थान’ नाम से बड़ा कार्यक्रम किया था। इसी तरह वसुंधरा राजे सरकार में भी साल 2015 में निवेशकों के लिए ‘रिसजेंट राजस्थान’ नाम से समिट का आयोजन किया गया था। वहीं, अब भजनलाल सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ‘राइजिंग राजस्थान’ नाम से  ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन किया है।

इन्वेस्टमेंट समिट में गहलोत हुए थे फेल

अशोक गहलोत के तीसरे कार्यकाल के दौरान ‘इन्वेस्ट राजस्थान’ समिट में तकरीबन 12 लाख 53 हजार करोड़ रुपये के 4,195 एमओयू साइन हुए थे। वहीं, जब राजस्थान में निवेश की बात आई तो उद्योगपतियों ने पलड़ा झार लिया। गहलोत सरकार में सिर्फ 26 हजार करोड़ का ही निवेश पटल पर हो पाया। मालूम हो कि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में ‘रिसर्जेंट राजस्थान’ नाम से भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

इसका उद्देश्य भी प्रदेश में निवेशकों को लाना था। इस इवेंट में 3 लाख 40 करोड़ रुपये के 470 मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग साइन किए जाने की खबर सामने आई थी। लेकिन, 33 हजार करोड़ का ही निवेश राजस्थान में हो पाया था। यहां भी बीजेपी सरकार के सामने अशोक गहलोत फिसड्डी साबित हुए थे।