Rajasthan Politics: राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भरतपुर में 9 सड़कों का लैब टेस्ट में फेल होने पर सीएम भजनलाल को घेरा था। उन्होंने सड़कों की गुणवत्ता में हुए भ्रष्टाचार में दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई की मांग थी। अब इस मामले में राजस्थान के लोक निर्माण विभाग ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ही जवाब जारी करते हुए कहा है कि 35 करोड़ की लागत में जिन सड़कों का निर्माण भरतपुर में हुआ था, वह अशोक गहलोत सरकार में ही कराया गया था। इस खुलासे के बाद से नेता प्रतिपक्ष जूली अपने ही बिछाए राजनीति के जाल में फंसते नजर आ रहे हैं।

जानें क्या था मामला

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने X पर लिखते हुए आरोप लगाया था कि ‘भरतपुर की सौंख रोड, अछनेरा रोड, गोलपुरा-हीरादास बाईपास रोड, एआर-मुरवारा रोड और अटलबंध लिंक रोड जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग हुआ है, करोड़ों रु. का बजट का दुरुपयोग कर इन सड़कों का निर्माण कराया गया है, लेकिन गुणवत्ता परीक्षण में ये सड़कें फेल हो गईं। राज्य सरकार की विफलताओं और भ्रष्टाचार के चरम को स्पष्ट रूप से उजागर करता है। यह घटना न केवल प्रशासनिक कार्रवाई का प्रमाण है बल्कि यह सरकार के संरक्षण में फलते-फूलते भ्रष्टाचार की गंभीर तस्वीर पेश करती है।’

जिम्मेदार व्यक्तियों पर की थी कार्रवाई की मांग

जूली ने आगे लिखते हुए कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी इस मामले की एक उच्च स्तरीय जांच की मांग करती है और दोषी ठेकेदारों, अधिकारियों तथा सरकार में शामिल भ्रष्ट लोगों पर कठोर कार्रवाई की मांग करती है। यह मात्र भ्रष्टाचार का मामला नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की साख तथा जनता की गाढ़ी कमाई का प्रश्न है। यदि सीएम भजनलाल ने कोई गंभीर कदम नहीं उठाया तो कांग्रेस उनसे विधानसभा सत्र में जवाब मांगेगी।

हम जनता के साथ खड़े हैं और यह पूरी तरह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें न्याय मिले। अब समय आ गया है कि यह सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती, जनता को जवाब और दोषियों को सजा मिले।’

लोक निर्माण विभाग ने लिखा जवाब

राजस्थान के लोक निर्माण विभाग ने नेता प्रतिपक्ष जूली को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर  लिखकर जवाब दे दिया कि ‘जिन सड़कों की गुणवत्ता के संबंध में आप @ Tikaram Jully INC द्वारा एक्स पर पोस्ट की गई है ये सभी सड़कें गत सरकार के कार्यकाल में ही बनी हैं।’ इसके आगे लिखते हुए कहा कि  ‘पीडब्लूडी की जांच में 9 सड़कों के सैंपल जांच में फेल पाए गए। अतः इनमें जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। संवेदक के खिलाफ वसूली की कार्रवाई प्रस्तावित है।’  पीडब्ल्यूडी विभाग के खुलासे के बाद अब नेता प्रतिपक्ष जूली अपने बिछाए राजनीतिक जाल में फंस गए हैं।

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