Aavri Mata Temple: भारत में बहुत से मंदिर अपने चमत्कारों को लेकर प्रसिद्ध हैं और इन मंदिर को लेकर काफी मान्यता भी होती है। आज हम आपको राजस्थान के असावरा यानी आवरी माता के मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। यहां नवरात्रि के समय काफी ज्यादा भीड़ होती है। इसके अलावा मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति भी स्थापित है। इसलिए यहां पर हनुमान जयंती के अवसर पर भी काफी ज्यादा भीड़ होती है। यहां पर मान्यता है कि मां के दरबार में आने वाले लकवा पीड़ित ठीक होकर ही जाते हैं। यहां पर दूर-दूर से भक्तगण माता आवरी और बजरंगबली के दर्शन करने के लिए आते हैं। 

750 साल पुराना है मां का मंदिर

आवरी माता का मंदिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के असावरा गांव में स्थित है। इसलिए इसे असावरा माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के आसपास पहाड़ियां, झरने और काफी प्राकृतिक खूबसूरती देखने को मिलती है। इस मन्दिर मे मां की मूर्ति के साथ ही हनुमान जी की मूर्ति भी स्थापित है। कहा जाता है कि ये मंदिर लगभग 750 साल पुराना है। 

शारीरिक रूप से कमजोर श्रद्धालु हो जाते हैं ठीक

मंदिर को लेकर मान्यता है कि माता के दरबार में आने वाले शरीरिक रूप से कमजोर श्रद्धालु ठीक होकर जाते हैं। किसी को अगर कोई शारीरिक व्याधियों जैसे लकवा आदि की बीमारी होती है, तो वह यहां से स्वस्थ होकर ही घर को लौटता है। इसके लिए पीड़ितों को मंदिर आकर रहना पड़ता है। जब तक पीड़ित ठीक नहीं होता तब तक वो यहीं रह कर माता की आराधना करता है।

इसके लिए मरीज को प्रतिदिन मंदिर में होने वाली माता की आरती में शामिल होना होता है। माता की आरती का समय सुबह 5 बजे और शाम को 6:30 बजे है। कहा जाता है कि यहां एक कुंड है जिसमें स्नान करने और माता की मूर्ति को स्नान कराने के बाद मूर्ति से उतरे पानी को पीने से भी लकवा रोग ठीक हो जाता है।