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Lakhha Top: राजस्थान का इतिहास अपने आप में काफी खास है। यहां के हर किले अपने साथ कई सदियों पुरानी कहानियों को लेकर जीवित है। कई किले ऐसे हैं, जो आज भी राज्य के वीर योद्धा के बलिदान का प्रतीक मानें जाते हैं। इन्हीं किलों में से एक है डीग के लाखा तोप। यह तोप डीग किले के बुर्ज पर स्थित है। लाखा तोप विश्व की सबसे बड़ी तोपों में एक मानी जाती है। माना जाता है कि जब भी इस तोप का इस्तेमाल किया जाता था, तब कई किलोमीटर दूर तक गर्भवती महिलाओं और पशुओं के गर्भ गिर जाते थे। 

तोप से जुड़ा इतिहास 

इतिहासकारों के अनुसार डीग पहले भरतपुर की राजधानी हुआ करती थी। महाराजा बदन सिंह ने सन् 1722 में अपने राज्य में जलमहल बनवाया था। इसके बाद इनके बेटे महाराजा सूरजमल ने आक्रमण से बचने के लिए साल 1730 में डीग किले की नींव रखी थी। इसी किले के बुर्ज पर दुनिया की सबसे बड़ी लाखा तोप रखी हुई है। कहा जाता है कि इस तोप का निर्माण किसी राजा ने नहीं कराया था, बल्कि मथुरा से युद्ध लड़कर आ रहे अहमदशाह अब्दाली ने इस तोप को अपने साथ ले जाने का मन बनाया था, लेकिन वो इसे नहीं ले जा सका था। जिसके बाद जाट सैनिक द्वारा इसे डीग लाया गया था। 

गिर जाते थे महिलाओं के गर्भ 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस तोप के स्तूप में लगभग 500 पाउंड का गोला भरा जाता था। इसकी क्षमता सैकड़ों किलोमीटर तक की बताई जाती है। पहली बार इस तोप को सन् 1961 में चलाया गया था। इसकी आवाज से कई किलोमीटर दूर महिलाओं और पशुओं के गर्भ गिर गए थे। साथ ही कई लोग बहरे हो गए थे। इसका ज्यादातर असर छोटे बच्चों पर देखने को मिला था।  कुछ मान्यताओं के मुताबिक कहा जाता है कि दिल्ली के लाल किले का दरवाजा तोड़ने के लिए इस तोप का इस्तेमाल किया गया।