Ganesh Temple Jaisalmer: राजस्थान में वैसे तो बहुत सारे रहस्यमई मंदिर हैं जिसके बारे में जानकार दिमाग हिल जाता है। ऐसे ही एक और गणेश मंदिर है जिसकी कहानी जानकार आप भी दंग रह जाएंगे। जैसलमेर से 12 किलोमीटर दूर स्थित चूंधी गणेश मंदिर की एक अनोखी परंपरा है। इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु मंदिर परिसर में बिखरे पत्थरों से अपना पसंदीदा घर बनाते हैं। इस पत्थर का घर बनाने के बाद गणेश भगवान से हाथ जोड़कर प्राथना करते हैं कि उन्हें भी एक ऐसा ही घर बनाने का अवसर मिले। इस मंदिर की मान्यता है कि जल्द ही भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है।

ऋषि ने किया था 500 सालों तक तपस्या 

इस गणेश मंदिर का इतिहास काफी ज्यादा पुराना रहा है। ऐसा कहा जाता है कि एक समय इस स्थान पर एक चंबद नाम के ऋषि ने 500 सालों तक कड़ी तपस्या की थी। यही कारण है कि इस मंदिर का नाम चूंधी गणेश मंदिर रखा गया है। इस मंदिर में जो गणेश जी की मूर्ति है वो स्वयंवर मानी जाती है। इसकी महिमा अपरंपार है। इस चमत्कारी मंदिर में हरेक साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। यहां भारी संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं।

पूरी होती है घर बनाने की इच्छा 

इस मंदिर को लेकर भक्त भी ऐसा कहते हैं कि उनकी घर बनाने की इच्छा यहीं से पूरी हुई है साथ ही, कुछ लोगों का यह मानना है कि उनकी आर्थिक स्थिति यहां आने के बाद बेहतर हो गई है। चूंधी गणेश मंदिर की ताकत इतनी है कि गणेश भगवान की कृपा से भक्त कभी निराश नहीं होते हैं। उनकी आर्थिक और संतान प्राप्ति की इच्छा भी यहां से पूरी होती है। 

कोई नहीं लौटता खाली हाथ 

इतिहास का यह मानना है कि इस मंदिर की स्थापना जैसलमेर से भी पहले हुई थी। यहां के बिखरे पत्थरों से भक्त अपना घर बनाते हैं और गणेश जी से घर बनाने की इच्छा करते हैं। यहां आने के बाद कभी कोई खाली हाथ नहीं लौटता है।