Longest Farmers Protest: किसान आंदोलन सुनते ही हमारे दिमाग में दिल्ली का किसान आंदोलन आता है। लेकिन भारत के इतिहास को देखें, तो अब तक का सबसे लंबे समय और सबसे बड़ा किसान आंदोलन राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया में हुआ है। यह भारत का सबसे बड़ा किसान आंदोलन था। बता दें कि यह साल 1897 में शुरू हुआ था जो 44 सालों तक चला था।
इस कारण से किया गया था आंदोलन
किसानों पर लगाए गए अत्याधिक लगान की वजह किसानों ने मिलकर आंदोलन किया था। बिजौलिया जागीरदार की ओर से किसानों पर कुल 84 प्रकार के कर लगाए गए थे, जिसके विरोध में किसानों ने मिलकर आंदोलन किया था। बिजोलिया से शरू हुआ यह आसपास के इलाकों में आग की तरह फैलता चला गया था। समय के साथ-साथ विभिन्न लोगों ने इसका नेतृत्व किया था। इसमें फतेह करण चारण, माणिक्यलाल वर्मा व विजय सिंह पथिक जैसे नाम शामिल है। आधी शताब्दी तक चला यह आंदोलन साल 1941 में खत्म हुआ था।
इन करों के खिलाफ उठी थी आवाज
किसानों पर विभिन्न प्रकार के कर लगाए गए थे, जैसे लाटा कूंता कर (खेती में लगी फसल के लिए), तलवार बंधाई कर (जागीरदार बनने के लिए), लाग बाग कर, चवरी कर (बेटी की शादी के लिए) आदि। अहिंसक तरीके से चलने वाला यह भारत का एक मात्र आंदोलन था। इसमें पुरूषों के साथ महिलाओं ने भी बड़-चढ़कर हिस्सा लिया था। इसमें नेत्रियों अंजना देवी चौधरी, रमा देवी, नारायण देवी वर्मा आदि महिलाएं शामिल हैं।
रावराजा कल्याण सिंह के समय हुआ था आंदोलन
दरअसल, रावाराजा कल्याण सिंह ने राजा बनते ही किसानों के कर में 25 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी थी। इसके आक्रोश में किसान सड़कों पर आ गए थे। राजा के आगे झुकने के बजाय किसानों ने अहिंसक आंदोलन करने का फैसला किया था। 1922 से 1935 के बीच चले आंदोलन को साल 1925 में ब्रिटिश संसद में भी सामने रखा गया था।
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