Women Freedom Fighter of Rajasthan: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जानकी देवी बजाज राजस्थान में स्वतंत्रता के लिए क्रांति करने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में से एक थीं। उन्हें देश सेवा के लिए कई बार जेल भी जाना पड़ा था। जानकी देवी बजाज भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की कार्यकर्ता थीं। सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान भाग लेने के कारण उन्हें 1932 में जेल जाना पड़ा था।

जानकी देवी का जन्म 1893 में तात्कालिक जौरा राज्य में हुआ था, जो आज के समय में मध्य प्रदेश-राजस्थान सीमा पर पड़ता है। 8 वर्ष की आयु में उनकी शादी जमनालाल बजाज से हो गई थी, जिनकी उम्र उस समय 12 वर्ष थी। जमनालाल बजाज उन्हीं के समुदाय और समान परिवार के लड़के थे, और यह शादी परिवारों द्वारा सामान्य भारतीय तरीके से करवाई गई थी।

उनकी शादी के समय बजाज परिवार एक औसत वर्गीय परिवार था, किंतु जमनालाल बजाज ने कुछ ही व्यापारिक वर्षों में एक बड़ा व्यापारिक साम्राज्य खड़ा कर दिया था और वे भारत के शुरुआती गिने-चुने उद्योगपतियों में से एक बन गए। जानकी देवी बजाज को उनके स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए योगदानों के लिए भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा 1965 में दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया।

उनके स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए योगदान

स्वतंत्रता संग्राम में जब जमनालाल बजाज ने भाग लिया, तब जानकी देवी ने भी चरखे पर खादी कातने का कार्य शुरू किया। उन्होंने गौ सेवा और हरिजनों का जीवन बेहतर बनाने के लिए 1928 में उनके मंदिर में प्रवेश के लिए कई कार्य किए। स्वतंत्रता के पश्चात हुए भूदान आंदोलन में भी उन्होंने विनोबा भावे के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण कार्य किए। 1942 में अखिल भारतीय गौ सेवा संघ की अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने कई वर्षों तक संघ के कार्यों में अपना योगदान दिया। 1965 में उन्होंने अपनी आत्मकथा 'मेरी जीवन यात्रा' प्रकाशित की।

उनके मृत्यु के पश्चात उनकी विरासत

1979 में उनकी मृत्यु के बाद उनकी स्मृति में कई शैक्षणिक संस्थानों और पुरस्कारों की स्थापना की गई। इनमें जानकी देवी बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा स्थापित जानकी देवी बजाज ग्राम विकास संस्था, जानकी देवी बजाज गवर्नमेंट पीजी गर्ल्स कॉलेज कोटा आदि शामिल हैं। इसके अलावा, इंडियन मरचेंट्स चैंबर की महिला विंग द्वारा 1992-93 में ग्रामीण क्षेत्र के व्यापारियों के लिए 'आईएमसी-लेडीज विंग जानकी देवी बजाज पुरस्कार' की स्थापना की गई।

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