Kaila Devi Temple Rajasthan: राजस्थान की मंदिरों के इतिहास और कहानी पढ़कर दिमाग हिल जाता है। यहां की मंदिरों की अनोखी परंपरा और तरीके कंफ्यूज करती हैं। करौली में स्थित मां कैला देवी का मंदिर ऐसी ही एक अद्भुत कहानियों का हिस्सा है, जिनमें डकैतों से जुड़े किस्से विख्यात रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां डकैत आने के बाद माता की पूजा करते थे और निकल लेते थे। ये ही नहीं इसके पीछे पुलिस भी चौंक जाती थीं। आइए आज मां कैला देवी मंदिर के पीछे का कुछ रहस्य आपको बताते हैं।
यहां अपना वेश बदलकर आते थे डकैत
मां कैला देवी मंदिर को लेकर यहां के स्थानीय बताते हैं कि इस मंदिर में डकैत अपना वेश बदल कर आया करते थे। यहां आकर वो माता कैला देवी जी पूजा अर्चना करते थे। साथ ही, माता से मन्नत भी मांगते थे और उनकी इच्छाएं पूर्ण होने पर वापस से इस जगह पर आते थे। डकैत माता को घंटा चढ़ाया करते थे। इस मंदिर के आगे डाकुओं के भय से पुलिस का भारी पहरा लगा हुआ रहता था, उसके बाद भी पुलिस डाकुओं को पकड़ने में नाकाम रहती थी। डाकू पुलिस की ही चकमा देते थे और पूजा करते उनके ही सामने से नौ दो ग्यारह हो जाते थे।
घंटा चढ़ाने माता के शरण में आते थे डाकू
यहां का निवासी इस अनोखे रहस्य को लेकर बताते हैं कि आज कोई डकैत इस मंदिर में घंटा चढ़ाने आता था और नवरात्रि करके वापस निकल जाता था। डकैत माता के दर्शन करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हुए वापस पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाते थे। यहां भारी भीड़ रहता है, जिसके कारण वो आसानी से भेष बदलकर आते और चुपके से निकल जाते थे।
उत्तर भारत की अहम शक्तिपीठों में से एक है यह मंदिर
इस मंदिर की महिमा को लेकर यह बताया जाता है कि उत्तर भारत के प्रमुख शक्तिपीठ के रूप में इसे ख्याति प्राप्त है। इसे उत्तर भारत का सबसे अहम और ताकतवर शक्तिपीठ माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 1600 ई पू में राजा भोमपाल ने करवाया था। इससे जुड़ी अनेकों कथाएं प्रचलित हैं। कैला देवी मंदिर की विशेषता यह भी है कि भगवान श्री कृष्ण के पिता वासुदेव और माता देवकी को जेल में डालकर जिस कन्या योगमाया का वध कंस करना चाहता था। वही माता कैला देवी के रूप में इसी मंदिर में स्थित हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखी हैं।