हमारा देश न सिर्फ खूबसूरत जगहों के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां की अनोखी परंपरा भी हमें प्रेरित करती है। इन अनोखी परंपरा के कारण पूरी दुनिया में डंका बजता है। हरेक जगह की एक अनोखी कहानी है। आज हम ऐसे ही एक अनोखी कहानी के बारे में बताएंगे। राजस्थान की पिपलांत्री गांव, जहां लड़की के जन्म लेने पर बैंड बाजा बजाया जाता है। इससे भी नहीं तो कुल 111 पेड़ भी उसके नाम से लगाए जाते हैं। इसके पीछे की असली वजह क्या है? आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं।

पंद्रह साल से चली आ रही यह परंपरा 

राजस्थान में स्थित इस अनोखी गांव में लड़की के जन्म लेने पर 111 पेड़ लगाना अति आवश्यक है। राजस्थान का यह पिपलांत्री गांव अपने आप में मिशाल बना हुआ है। इस गांव के लोगों का यह मानना है कि जैसे जैसे पेड़ बड़े होते हैं, वैसे ही लड़की की उम्र भी बढ़ती जाती है। इस अद्भुत पहल के पीछे दो मुख्य कारण हैं, जिसमें पहला वन्य जीव और दूसरा लड़कियों का सशक्तिकरण है। इस गांव के लोग इस परंपरा की 15 वर्षों से अपनाते आ रहे हैं। पेड़ लगाने से गांव की हरियाली भी तेजी से बढ़ती है, जो हमारे लिए अति आवश्यक है।

बेटियों के नाम किए जाते हैं FD धनराशि 

इस अनोखे गांव में पेड़ लगाने के अलावा और भी कई रस्म किए जाते हैं। यदि किसी घर में लड़की का जन्म होता है, तो लड़की के मां बाप से दस हजार रुपए और डोनर और भामाशाहों से 31 हजार रुपए इकठ्ठा किए जाते हैं। उस धनराशि को FD कर दिया जाता है। इसका पूरा हिसाब किताब ग्राम पंचायत करते हैं और FD में संशोधन करते हैं।

इस गांव की पंचायत रजिस्टर में लड़की का नाम दर्ज करवाया जाता है। इसके साथ ही जननी सुरक्षा योजना के साथ कई लाभदायक सरकारी योजनाओं के लिए सभी जरूरी आवश्यकता पूरी की जाती है। बीते 6 सालों के में गांव के लोगों ने सभी चरागाहों पर एक लाख से अधिक पेड़ लगाने में उपलब्धि हासिल की है। 

हर साल औसतन 60 लड़कियों का होता है जन्म 

यहां के पूर्व सरपंच के मुताबिक, यहां साल वर्ष औसतन 60 लड़कियों का जन्म होता है। पूर्व सरपंच श्याम सुंदर की बेटी की मृत्यु के बाद उन्होंने ही इस योजना की शुरुआत की थी। उनकी बेटी की मौत 18 साल की उम्र में डिहाइड्रेशन की वजह से हो गया था। उसी समय से उन्होंने हरित अनावरण का संकल्प लिया था और अभी तक उसमें सफलता भी मिली है।