Bayana Fort Bharatpur: बयाना एक अत्यंत प्राचीन स्थल है,बयाना वर्तमान समय में भरतपुर जिले का एक शहर है। यह भरतपुर से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर एक प्राचीन किला है,जिसे बयाना का किला कहते हैं। इतिहासकार बताते हैं कि राजस्थान के इतिहास में पहला जौहर इस किले मे ही हुआ था।
360 रानियों ने किया था जौहर
यह 2000 साल पुराना किला है,जिसे आज तक पूरा कोई नहीं देख पाया और यहां 1000 साल पहले 360 रानियों ने दासियों के साथ अग्नि जोहार किया। एक बार बयाना के किले को अबूबकर कंधारी ने  को चारों ओर से घेर लिया था। सैनिकों के बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था, बयाना के राजा विजयपाल ने शाका करने का निश्चय किया। राजा ने युद्ध वीरता के साथ लड़ा और अंत में राजा की ही विजय हुई।
राजा विजयपाल ने दी प्राणों बलि 
कुछ इतिहासकारों का कहना है कि जब राजा को रानी के अग्निकुंड में कूदने की बात पता लगी, तो राजा को बेहद वेदना हुई, राजा कहने लगा मेरा तो जीतकर भी सब कुछ लुट गया,अब जीना बेकार है। राजा ने तलवार निकाली और अपना सिर धड़ से अलग कर दिया।
बयाना किले का इतिहास 
बयाना किले का इतिहास हजारों साल पुराना है। इस किले को विजयमंदिर गढ़ भी कहा जाता हैं। यह किला पूर्वी राजस्थान की मानी पहाड़ी पर बना हुआ है। 
इस किले को श्रीकृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध 
युद्ध जीतने के बाद राजा के सैनिकों से एक गलती हो गई,सैनिकों ने जीतने की खुशी में अपना झंडा उठाने के बजाय दुश्मन का झंडा उठाकर किले की ओर दौड़ पड़े। दुश्मनों का झंडा देखकर दुर्ग के रक्षकों ने महल में राजा की हार का संदेश दे दिया। इस एक गलती की वजह से वीर क्षत्राणियां अग्नि कुंड में कूद गई। दिल्ली सल्तनत के अंतिम दिनों में इस किले को बयाना कहा गया। कुछ लोग का कहना है कि इस किले का नाम बाणासुर से बाणापुर और बाणापुर से बयाना हो गया। ऐसा कहा जाता है,इसी जगह बाणासुर की पुत्री उषा और भगवान कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध का विवाह हुआ था।
बयाना किले निर्माण का कारण 
मुगल शासक गजनी के समय उसकी ओर से होने वाले आक्रमणों से जान और माल की सुरक्षा दिनों दिन में कम होती जा रही थी। इस कारण महाराजा विजयपाल ने मथुरा के मैदान पर बनी अपनी राजधानी छोड़कर पूर्वी राजस्थान की मानी नामक पहाड़ी पर बयाना का दुर्ग बनवाया था। इस किले का निर्माण विजयपाल ने 1040 ई में कराया था।
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