Rajasthan Tonk District : टोंक जिला राजस्थान के मशहूर जिलों में से एक है, जो अपनी एतिहासिक और दिलचस्प जानकारी के लिए फेमस है। बता दें कि यह शहर अलग-अलग खासियतों की वजह से इसे राजस्थान का लखनऊ, अधब का गुलशन, रोमांटिक कवि अख्तर श्रीरानी की नगरी और मीठे खरबूजों का चमन के नाम से जाना जाता है। यह शहर प्रदेश के 5 शहरों से अपनी सीमा साझा करता है, जिसमें जयपुर, बूंदी, भीलवाड़ा, अजमेर और सवाई माधोपुर शामिल है। 

जिले का इतिहास

मुगल काल के समय अकबर के शासन काल में जयपुर के राजा मानसिंह ने टोरी एवं टोकरा परगना को अपने अधिकार में शामिल कर लिया था। साल 1643 में राजा ने भोला नाम के ब्राह्मण को टोकरा के 12 गांव की जमीन दान कर दी थी। आगे चलकर यह समूह ही टोंक में बदल गया था। साल 1750 में जयपुर के राजा माधोसिंह ने मल्हारराव को टोंक और रामपुरा सौंप दिया था, लेकिन सिंधिया और राजघरानों में इस जमीन पर सालों तक विवाद चलता रहा। साल 1804 में अंग्रेजो ने टोंक और मालपुरा पर अपनी विजय प्राप्त की। अंगेजी राज के बाद साल 1948 में टोंक आजाद भारत में शामिल कर लिया गया। 

इस कारण से उर्वरक हो रही है टोंक की जमीन 

आपको बता दें कि टोंक जिले की मिट्टी बेहद उपजाऊ है, लेकिन रेतीली और भूमिगत जल सीमित होने की वजह से यहां के किसानों को खेती में चुनौतयों का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी को दूर करने के लिए बीसलपुर बांध तैयार किया जा रहा है। इस बांध की जल संग्रहण क्षमतात 315.5 मीटर है। इस बांध की मदद से टोंक जिले के अलावा कई जिलों में पानी की सिंचाई आसान हो जाएंगी। 

टोंक के फेमस पर्यटन स्थल 

यदि आप टोंक घूमने आ रहे हैं, तो आप सुनहरी कोठी, जल देवी मंदिर घूमने जा सकते हैं। इसके अलावा आप हाड़ी रानी कुंड देख सकते हैं। साथ ही घण्टा घर, हाथी भाटा, जामा मस्जिद आदि जगह घूमने जा सकते हैं।