Rajasthan History: देश में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने दिल्ली से बाहर किसी और शहर में जाकर कैबिनेट बैठक आयोजित की थी। यह आदेश तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा दिया गया था। जिन्होंने कैबिनेट मीटिंग राजस्थान के अलवर में आयोजित करने का निर्णय लिया था। 

दरअसल, तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कैबिनेट बैठक से दो माह पहले अलवर के सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य का दौरा किया था। इसके बाद उन्होंने तय किया था कि वे कैबिनेट की बैठक दिल्ली के बजाय अलवर में करेंगे। 
 
निजी वाहनों से आने का दिया था आदेश 

कैबिनेट बैठक से पहले वे सभी हेलिकॉप्टर से अलवर आने वाले थे, लेकिन उसके बाद आदेश जारी किया गया कि सभी सड़क मार्ग के माध्यम से यहां पहुंचेगें। साथ ही कोई भी सरकारी वाहन से सरिस्का नहीं पहुंचेगें, सभी अपने निजी वाहनों से यहां आएंगें। 

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6 चरणों में चली थी मीटिंग 

मुख्यमंत्री राजीव गांधी हरिदेव जोशी कारकेड के साथ सरिस्का पहुंचे थे। सरकारी वाहनों के काफिले के कारण पूरे रास्ते पर जाम लग गया, जिसके बाद उन्होंने जोशी को आदेश देकर सभी को अपने निजी वाहनों से आने को कहा। 
सरिस्का के टाइगर डेन होटल में आयोजित हुई कैबिनेट मीटिंग दो दिन तक 6 चरणों में आयोजित की गई। यह बैठक कुल 14 घंटों तक चली। इस बैठक का उद्देश्य फिजूल खर्च को कम करना और गैर योजना में कम पैसे खर्च करना था। 
 
हरिदेव जोशी को देना पड़ा था त्यागपत्र 

वाहनों का काफिला देख प्रधानमंत्री राजीव गांधी नाराज हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने जयपुर पहुंचते ही जोशी को दिल्ली बुलाया और बैठक के बाद हरिदेव जोशी को तलब किया।

बैठक के बाद तुरंत बाद ही जोशी जयपुर लौटे और अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंप दिया था। 9 मार्च 1985 को चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई और एक बार फिर हरिदेव जोशी को राजस्थान का सीएम चुना गया था। अगले ही दिन उन्होंने दूसरी बार प्रदेश की बागडोर संभाली थी।