Padmavati Jauhar: भारत के इतिहास में आपको कई जौहर मिल जाएंगे, लेकिन सबसे ज्यादा जौहर जौ चर्चित है वो है चित्तौड़ की रानी पद्मावती का। इस प्रसिद्द जौहर में सीरियल और फिल्म भी बनी हैं। आज इस लेख में हम आपको रानी पद्मावती के जौहर के बारे में बताएंगे।

रानी पद्मावती सिंहलद्वीप के राजा के बेटी थीं
पद्मावती मेवाड़ की महारानी थीं। इतिहसकारों के अनुसार सन 1303 में रानी पद्मावती ने 16 हार क्षत्राणियों के सााथ जौहर कर लिया था। कई किताबों में रानी पद्मावती के इस जौहर के बारे में बताया गया है। रानी पद्मावती सिंहलद्वीप के राजा के बेटी थीं। राजा रतनसिंह से शादी होने के बाद वे चित्तौड़गढ़ की रानी बनी थीं। बताया जाता है कि वे बहुत ही ज्यादा सुंदर थी। उनकी सुंदरता के किस्से सुनकर अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़गढ़ पर चढ़ाई की। जिससे वह रानी पद्मावती को हासिल कर सके।

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अलाउद्दीन खिलजी किले के अंदर जाने में रहा असफल

चाचा जलालुउद्दीन खिलजी की हत्या हो जाने के बाद अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली की सल्तनत संभाली। इस दौरान अलाउद्दीन ने चितौड़गढ़ का रुख किया। अलाउद्दीन के पास काफी बड़ी सेना थी। फिर भी वे किले के अंदर जाने में असफल रहा। जिसके बाद सेना ने किले के बाहर ही डेरा डाल लिया और आने जाने के रास्ते को रोक लिया। खिलजी किले के बाहर 6 महीने तक रहा।

राजा रतन सिंह ने अपने प्राण का बलिदान दे दिया

ऐसे में किले से न तो कोई समान बाहर आ सकता था और न किले से अंदर जा सकता था। समय तेजी से बीत रहा था और अंदर रसद भी खत्म हो रहा था। हालत को देखते हुए राजा रतन सिंह ने प्रजा की रक्षा के लिए युद्ध का एलान कर दिया। राजा ने खिलजी से काफी बहादुरी से मुकाबला किया। युद्ध के दौरान राजा रतन सिंह ने अपने प्राण का बलिदान दे दिया। वहीं अलाउद्दीन को किले की तरफ आते देख, रानी पद्मावती ने हजारों क्षत्राणियों के साथ जौहर कुंड में आत्मदाह कर लिया था।