Rajasthan Tree Plantation: पर्यावरण स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए पाली वन विभाग ने बरसात के मौसम में बड़े पैमाने पर पौधारोपण अभियान चलाने की ठानी है। हरियाली बढ़ाने और वायु में गुणवत्ता लाने के लिए विभाग ने 11 नर्सरींयों में कुल 14.5 लाख पौधे तैयार किए हैं। यह पौधे पूरे जिले में लगाए जाएंगे ताकि बंजर भूमि को फिर से जीवंत किया जा सके।
पौधों का वितरण
पूरे जिले में कई नर्सरियां फैली हुई हैं। सेवाड़ी नर्सरी 230000 पौधों का उत्पादन कर चुकी है ।जबकि गुंडोज और झूठा गांव की नर्सरींयों ने सबसे कम यानी लगभग 50000 पौधे उत्पादित किए हैं। दूसरी नर्सरी में देसुरी में 130000 पौधे, सेलीबांध में 100000 पौधे, मालनू में 75000 पौधे, जवाई बांध में 125000 पौधे, पाली में 100000 पौधे, रोहट में 100000 पौधे, फुलाद में 90000 पौधे, सियाट में 180000 पौधे और सेंदरा में 220000 पौधे शामिल है।
कई प्रकार के पौधे होंगे शामिल
वृक्षारोपण के दौरान कई पौधों की प्रजातियां होगी। जैसे गुलर, पीपल , जामुन और बोगनविल्ले। इसी के साथ-साथ चुरेल, आम, अर्जुन, करंज, इमली, नीम, कुम्हार, कचनार, बांस, अमरुद, वला, गुलमोहर, प्लेटफार्म, बेलपत्र, सीताफल और कनेर जैसी अन्य प्रजातियां भी होगी।
हालांकि वन विभाग के पास अपने द्वारा तैयार और वितरित किए गए पौधों का पूरा डाटा है और विभाग अपने स्वयं के पौधों की वृद्धि को ट्रैक कर सकता है लेकिन जो अन्य विभाग या व्यक्ति पौधों को ले जाते हैं उन्हें पौधों के विकसित होने को लेकर विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है। पिछले साल 14.1 पौधों का वितरण हुआ था और विभाग ने कहा था कि उनके द्वारा लगाए गए एक लाख से अधिक पौधों में से ज्यादातर फल फूल रहे हैं।
ये भी पढ़ें:- RPSC Recruitment 2025: राजस्थान में जूनियर केमिस्ट पदों पर भर्ती, जानिए कैसे और कहां करें अप्लाई?