Bio Mining: राजधानी जयपुर के सेवापुरा इलाके में जल्द नगर निगम द्वारा 16 लाख मैट्रिक टन कचरा खत्म कर दिया जाएगा। ग्रेटर नगर निगम जयपुर के द्वारा इस कूड़े के पहाड़ को हटाने के लिए 14 लाख मैट्रिक टन कचरे की बायो माइनिंग कराई जाएगी।

बताया जा रहा है कि जुलाई के अंत कर कचरे की बायो माइनिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, बचे हुए 2 लाख मैट्रिक टन कचरे की बायो माइनिंग के लिए निगम द्वारा सरकार को वर्क ऑर्डर लिखा गया है। इस प्रक्रिया के लिए सूखे कचरे से रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल यानी आरडीएफ तैयार किया जा रहा है, इसे सीमेंट फैक्ट्रियों में भेजा जाएगा।  

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स्थापित किए जाएंगे केनाइज्ड कचरा ट्रांसफर स्टेशन

इस संबंध में ग्रेटर निगम आयुक्त रुक्मिणी रियाड़ ने जानकारी दी कि जुलाई के अंत तक 14 लाख मैट्रिक टन कचरे की बायो माइनिंग पूरी हो जाएगी, साथ ही हमने शेष बचे 2 लाख मैट्रिक टन कचरे की बायो माइनिंग के लिए भी वर्क ऑर्डर भेज दिया है। जयपुर को और भी स्वच्छ, सुंदर और पर्यावरण फ्रेंडली बनाने के लिए मैकेनाइज्ड कचरा ट्रांसफर स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे। 
 
यह बना है राज्य का पहला केनाइज्ड कचरा ट्रांसफर स्टेशन

राजस्थान के झालाना जिले में प्रदेश का पहला केनाइज्ड कचरा ट्रांसफर स्टेशन स्थापित किया गया है, जिसमें निगम क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के बाद सेवापुरा और लांगडुयावास पहुंचाने के लिए ग्रेटर निगम कई मैकेनाइज्ड स्टेशन खोलने की योजना तैयार की जा रही है।

 नवंबर 2024 में झालाना में राज्य का पहला केनाइज्ड कचरा ट्रांसफर स्टेशन स्थापित किया गया था। यहां हर दिन 100 टन कचरा प्रोसेस किया जाता है, इसके बाद अब जल्द मानसरोवर में भी दूसरा मैकेनाइज्ड कचरा ट्रांसफर स्टेशन खोला जाएगा। इसके लिए ग्रेटर निगम को रीको ने फन किंगडम के पास भूमि उपलब्ध करा दी है, साथ ही सभी स्टेशनों के लिए हाउसिंग बोर्ड व जेडीए से जमीन को लेकर चर्चा की जा रही है।