Women's Empowerment Campaign: भरतपुर पुलिस द्वारा पिछले तीन साल से महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत जिले की महिलाओं को आत्मरक्षा करना सिखाया जा रहा है। अब तक 23 हजार 326 महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया है। बता दें कि जिले के कुल 176 स्थानों पर शिविरों का आयोजन किया गया है। जानकारी के मुताबिक आत्मरक्षा सीखने वालों में 738 कामकाजी महिलाएं, 721 गृहणियां व 21 हजार 867 छात्राएं शामिल है। 

4% गिरा महिला अपराध

बता दें कि महिला सशक्तिकरण अभियान से महिला अपराधों में भी कमी आई है। साल 2022 में सबसे ज्यादा 12,520 महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया था। वहीं 2023 में यह आंकड़ा घटकर 6,770 हो गया था। वर्ष 2024 में यह संख्या 4,036 रह गई है। इस अभियान का नतीजा जिले में अपराध नियंत्रण करने में कारगर साबित हुआ है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 2023 की तुलना में साल 2024 में महिला अपराधों में 4 प्रतिशत की कमी देखी गई है। वहीं 2022 की तुलना में 16 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। 

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महिलाओं का बढ़ा आत्मविश्वास 

महिला अपराध जैसे छेड़छाड़, पीछा करना, रेप, दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा, अश्लील मैसेज भेजना, शारीरिक शोषण आदि मामले शामिल है। महिला सशक्तिकरण अभियान से न केवल महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है बल्कि अब ऐसे मामलों में वे तुरंत प्रतिक्रिया देने में सक्षम है। पहले महिलाएं जवाब देने में डरती थी लेकिन अब आत्मरक्षा का प्रशिक्षण सीखने के बाद वे सीधे जवाब देती है। भरतपुर पुलिस की तीन साल की मेहनत अब महिला अपराधों के आंकड़ों में दिखाई दे रही है। 

कानूनी अधिकारों की मिलती है जानकारी 

एसपी भरतपुर मृदुला कच्छावा ने बताया कि पिछले दिनों घरेलू हिंसा झेल रही महिला ने अपने पति के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई। उद्योग नगर थाना क्षेत्र की रीना देवी ने बताया कि वह पिछले कई महीनों से अपने पति द्वारा की जा रही मारपीट को झेल रही है। अब तक वह चुप थी लेकिन जब से उसे गांव में आयोजित हो रहे आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया, उसको कानूनी अधिकारों के बारे में पता चला और उसने हिम्मत दिखाकर अपने पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।