Rajasthan Agricultural Markets: राजस्थान में 145 कृषि उपज मंडी समितियों को ई राष्ट्रीय कृषि बाजार में जोड़ने के बाद से ही कृषि विपणन में डिजिटल परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। पिछले 5 वर्षों में 81% कोऑपरेटिव लेनदेन ऑनलाइन हुआ है, जो 2022-23 तक 90% तक पहुंच गया। इस बदलाव के बाद से खरीद और बिक्री प्रक्रिया में काफी सुधार हुए हैं।
ई नाम नेटवर्क का विस्तार
जुलाई 2024 तक आते-आते ई नाम प्लेटफॉर्म पर 85,132 व्यापारियों, 26,866 कमीशन एजेंट और 15.09 लाख किसानों के पंजीकरण में वृद्धि हुई है। इतना ही नहीं बल्कि इसके अलावा 446 किसान उत्पादक संघ नेटवर्क में शामिल हुए हैं, जिससे बाजार के एकीकरण में और भी मजबूती आई है।
सरकारी पहल और योजनाएं
ई नाम के उपयोग को और बढ़ाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए व्यापार की बढ़ोतरी करते हुए कृषि विपणन विभाग ने कई योजनाएं शुरू की है। इन योजनाओं में ई भुगतान प्रोत्साहन योजना, सावित्री बाई फुले महिला कृषक सशक्तिकरण योजना और कृषक उपहार योजना शामिल हैं। इन योजनाओं से डिजिटल मार्केटिंग का लाभ जमीनी स्तर पर पहुंचेगा और साथ ही किसान और व्यापारियों दोनों को नकद पुरस्कार मिलेगा।
क्या हैं ई एनएएम पहल के उद्देश्य
बाजार एकीकरण: ई एनएएम एक एकीकृत ऑनलाइन बाजार प्लैटफॉर्म बनाना।
सुव्यवस्थित प्रक्रियाएँ: परिचालन दक्षता को बढ़ाते हुए विपणन और लेनदेन प्रक्रिया को मानकीकृत करना।
क्या हैं अभी सुधार की गुंजाइशें
दरअसल कागजों पर दर्ज प्रभावशाली आंकड़ों के बावजूद भी जमीन पर कुछ चुनौतियां बनी हुई है। हालांकि 81 प्रतिशत व्यापार ऑनलाइन हो चुका है लेकिन कई किसान और व्यापारी अभी भी की कोशिश में लगे हैं। इसी वजह से सरकार इस बदलाव को आसान बनाने के लिए काफी ज्यादा प्रोत्साहन और सहायता प्रदान कर रही है।
पिछले 5 वर्षों के डेटा के मुताबिक राजस्थान में ई एनएएम में काफी वृद्धि हुई है। पिछले 5 वर्षों में वस्तुओं की कुल आवक 2,36,10,549 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है। इसमें से 1,90,28,454 मेट्रिक टन ऑनलाइन कारोबार हुआ है। 2019-20 से 2023-24 तक संचयी लेनदेन मूल्य 78,221.32 करोड़ रूपए था।
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