Anasagar Lake: राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित आनासागर झील एक समय दुनिया की प्रसिद्ध झीलों में से एक थी, लेकिन आज यह झील अपने अंतिम चरण पर खड़ी है। कभी हरियाली और खूबसूरती के लिए मशहूर इस झील में आज केवल बदबू और कचरा दिखाई देता है। आज इस लेख में बताएंगे आखिर झील की इस हालत का असली कारण क्या है और इस झील से जुड़े इतिहास के बारे में भी विस्तार से चर्चा करेंगे। 

झील का रोचक इतिहास

अजमेर में स्थित आनासागर झील का निर्माण साल 1135 से 1150 के बीच 'राजा अरणो रा आनाजी' के द्वारा कराया गया था। आपको बता दें कि आनाजी सम्राट पृथ्वीराज चौहान के दादाजी थे। उन्हीं के नाम पर झील को आनासागर झील के नाम से जाना जाने लगा। इस झील का निर्माण बारिश के पानी को संग्रहित करने और प्रजा को पानी की कमी से बचाने के लिए करवाया गया था। यह झील भारत की मानव निर्मित झीलों में से एक है। इसको बनने में करीब 4-5 साल का वक्त लगा था। 

लोगों के रोजगार में आ रही है कमी 

झील की इस हालत से ना केवल पशु-पक्षियों को नुकसान हो रहा है बल्कि इससे लोगों के रोजगार में भी कमी देखने को मिल रही है। एक समय था जब यहां लोग गाइड के तौर पर, नाव चालक, फोटो, आदि चीजों से अपना रोजगार कमा रहे थे, लेकिन आज यहां आपको शायद ही कोई सैलानी दिखाई देगा।

पहले काफी बड़े-बड़े लोग झील के किनारे अपने घर लेने के लिए जमीन देखते थे, लेकिन अब हालत यह है कि इसके आसपास में बहुत ही कम घर दिखाई देंगे और जो लोग यहां रह रहे थे उन्होंने भी पलायन करना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि यह खूबसूरत झील की हालत अब काफी खराब स्थिति में है और इसके पास रहने से उन्हें बीमारियों का खतरा रहता है।