Baba Saheb Ambedkar Sambal Yojana: सामाजिक न्याय को वरीयता देते हुए राजस्थान की भजनलाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार बाबा साहब अंबेडकर संबल योजना के तहत 50 फ़ीसदी से अधिक दलित आबादी वाले गांव की दशा-दिशा बदलने जा रही है। इसके तहत उन गांवों को चिन्हित किया जाएगा जहां की 50 फीसदी से अधिक आबादी अनुसूचित जाति से हो। इन गांव में राजस्थान सरकार बाबा साहब अंबेडकर संबल योजना के तहत विकास के कार्यों को रफ्तार देगी, ताकि गांव की तस्वीर बदल सके और लोगों के समक्ष अवसरों के द्वार खुलें।
दलित बहुल आबादी वाले गांवों की बदलेगी दशा
ऐसे गांव जहां अनुसूचित जाति की आबादी 50 फ़ीसदी से ज्यादा है, उनकी तस्वीर पूरी तरह से बदली नजर आएगी। दरअसल, राजस्थान की भजनलाल सरकार इसके लिए बाबा साहब अंबेडकर संबल योजना लेकर आई है। इस योजना के तहत 250 करोड रुपए के बजट का प्रावधान भी है। इसके माध्यम से सरकार उन गांव में विकास एवं संरचना से जुड़े तमाम कार्यों को रफ्तार देगी, जहां दलित की आबादी ज्यादा है।
बता दें कि राजस्थान में बांसवाड़ा, डूंगरपुर, गंगापुर सिटी, हनुमानगढ़ समेत ऐसे कई जिले हैं जहां दलित आबादी की बहुलता है। ऐसे में सरकार की कोशिश है कि अनुसूचित जाति से आने वाले लोगों के समक्ष अवसरों के द्वार खोले जाए, जिसके लिए सरकार विकास कार्यों को रफ्तार दे रही है।
बाबा साहेब अंबेडकर संबल योजना की खासियत
इस योजना की खास बात है कि यह सिर्फ उन गांव में लागू होगा जहां की आबादी अनुसूचित जाति की बहुलता हो। ऐसे गांव जहां 50 फ़ीसदी से ज्यादा अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं, वहां बाबा साहब अंबेडकर संबल योजना लागू होगा। इस योजना के तहत सरकार विशेष तौर पर उन गांवों में संरचना व विकास से जुड़े अन्य तमाम कार्यों को रफ्तार देगी। इसमें खेल मैदान से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन समेत अन्य तमाम सुविधाएं हो सकती हैं। सरकार की कोशिश है कि समाज के अंतिम तबके पर जीवन यापन करने वाले लोगों को भी सुविधाओं से जोड़ा जाए, ताकि उनके समक्ष भी अवसरों के द्वार हो और वह आगे बढ़ सकें।
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