CM Bhajan Lal on Water Conservation: राजस्थान को जल संकट से निजात दिलाने के लिए भजनलाल सरकार लगातार कोशिश कर रही है। इस दिशा में पिछले दिनों उसने कई ऐतिहासिक फैसलों को भी लिया है। जयपुर में जल संचय- जनभागीदारी विषय पर आधारित एक संवाद कार्यक्रम में सीएम भजनलाल ने वर्षा जल संचयन को लेकर महत्वपूर्ण विचार रखे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल भी मौजूद थे।

उन्होंने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि आप अधिक से अधिक संख्या में सामाजिक सरोकार से जुड़े अभियानों के साथ जुड़ें। इसी में से ‘कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान’ भी एक है, जिसकी सफलता से उत्साहित प्रवासियों से राजस्थान में सहयोग के लिए आगे आने को कहा है। बता दें अन्य प्रदेशों में बसे राजस्थान के प्रवासियों ने इस अभियान से वर्षा जल संचयन में बड़ी सफलता पाई है।

अभियान लाएगा जल सुरक्षा और आत्मनिर्भरता

सीएम भजनलाल ने कहा कि कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के माध्यम से राजस्थान को हम जल उपलब्धता में समृद्ध और आत्मनिर्भर बना हरा भरा बनाएंगे। इससे राज्य के भविष्य की जल सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। ‘कैच द रेन’ के तहत वर्षा जल संचय अभियान से अपने जल स्रोतों जैसे तालाब, झीलों तथा नदियों को संरक्षित करेंगे। क्यों कि यह हमारी विरासत का महत्वपूर्ण अंग हैं।

सीएम बोले समय का चक्र देखिए जल संकट के कारण ही राजस्थान के लोग प्रवासी बने। आज वही प्रवासी राजस्थान के लिए भागीरथ बने हैं। जो अपने-अपने गृहनगरों में जल संचयन की संरचनाओं को जनभागीदारी के रूप में निर्माण कर वर्षा जल के संरक्षण में भूजल स्तर को ऊपर उठाने में योगदान दे रहे हैं। इसको और वृहद स्वरूप देने की आवश्यकता है।

PKC- ERCP परियोजना पर बोले सीएम

सीएम भजनलाल ने कार्यक्रम में कहा कि जल संकट से निपटने की दिशा में किए गए कई प्रयासों में से एक बहुप्रतीक्षित PKC- ERCP परियोजना भी है। जिसे पीएम मोदी और जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल के मार्गदर्शन एवं सहयोग से धरातल पर आ गई है। जिसकी 90 प्रतिशत लागत केंद्र सरकार वहन कर रही है, तो राजस्थान को मात्र 10 प्रतिशत ही राशि व्यय करनी पड़ेगी।

यह गेम चेंजर योजना राजस्थान के 45 हजार गांवों को जल संकट से निजात दिलाएगी। अरब सागर में बह जाने वाले पानी को संरक्षित कर इसे राज्य के अन्य क्षेत्रों को उपलब्ध कराने में यह योजना कई जिलों की प्यास बुझाएगी। जिसमें उदयपुर, राजसमंद तथा चित्तौड़गढ़ प्रमुख जिले हैं। उदयपुर में देवास योजना की तीसरे और चौथे चरण की शुरुआत कर दी गई है।  

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