Parvati Kalisindh Chambal Link Project: सीएम भजनलाल शर्मा ने हालही में पार्वती कालीसिंध चंबल लिंक परियोजना का नाम बदलकर रामजल सेतु लिंक परियोजना करने का फैसला किया है। भजनलाल शर्मा ने सीएम आवास पर इस परियोजना का नामकरण करने के लिए पोस्टर भी जारी किया था। पिछले साल 17 दिसंबर के ही दिन संशोधित इस परियोजना के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (MOA) पर मोदी जी ने पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों का पानी रामजल सेतु का जल संकल्प कलश में डाला था।
मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के बारे में बताते हुए कहा कि साल 2024 में आज ही के दिन भगवान श्री राम अयोध्या में अपने मंदिर में विराजमान हुए थे। उन्होंने समुद्र में पुल बनाया था, जिससे बाद में सत्य की जीत से जोड़ा गया। भगवान से प्रेरणा लेते हुए हमने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में नदियों को जोड़ने का फैसला किया है। यह परियोजना राजस्थान और मध्यप्रदेश को एक साथ मिलकर काम करने का मौका भी देगी।
सरकार द्वारा नदियों को आपस में जोड़ने की कवायद
भजनलाल शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लेते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के नदियों को जोड़ने के सपने को हम साकार करेंगे। हम इस रामजल सेतु परियोजना के द्वारा लोगों को पीने योग्य जल और सिंचाई के लिए पानी मुहैया कराएंगे। जिससे राज्य की लगभग 40 फीसदी आबादी इसका लाभ उठाएगी। परियोजना के अंतर्गत चंबल और सहायक नदियों जैसे पार्वती, कालीसिंध, कुन्नू, कूल और मेज का अतिरिक्त वर्षा का जल बनास, बाणगंगा, रूपारेल, पर्वतनी, मोरेल और बेसिनों में डाला जाएगा।
परियोजना से क्या होगा फायदा
PKC परियोजना से 4120 मिलियन क्यूबिक मीटर (MCM) पानी प्राप्त होगा, जिसमें 522 MCM रिसाइकिल जल भी शामिल होगा। साथ ही प्रदेश के कुल 17 जिलों के 3 करोड़ 25 लाख लोगों को 2047 तक पीने योग्य जल प्राप्त हो सकेगा। इस परियोजना से लगभग ढाई लाख हेक्टेयर के क्षेत्र में सिंचाई होगी।
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