Rajasthan SI Recruitment Exam 2021: राजस्थान सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 से जुड़े मामले में बड़ी खबर सामने आई है। इस मामले में राज्य सरकार ने गुरुवार को हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश कर दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार ने इस भर्ती को रद्द करने की मांग पर आपत्ति जताते हुए कहा है, "वैकेंसी रद्द नहीं की जा सकती। इस भर्ती से जुड़ी जांच एसआईटी द्वारा की जा रही है। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।"

मालूम हो कि राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच अब से कुछ ही देर में इस मामले की सुनवाई करेगी। ऐसे में इससे पहले राज्य सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले जवाब पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

हाईकोर्ट का आदेश 

आपको बता दें कि दो साल पहले 19 नवंबर 2023 को राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में निर्देश जारी किए थे। इसके मुताबिक राज्य सरकार ने आरोपी प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर की पासिंग आउट परेड और पोस्टिंग आदि पर रोक लगा दी थी। कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश में साफ कहा गया था कि सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 से जुड़े मामले में अंतिम फैसला आने तक परेड-तैनाती हाईकोर्ट के आदेश के अधीन रहेगी। मालूम हो कि यह भर्ती 859 पदों के लिए निकाली गई थी।

लेकिन, जांच के दौरान कई लोगों की गिरफ्तारी आदि की खबरें सामने आई थीं। 50 प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर और राजस्थान लोक सेवा आयोग के 2 सदस्यों समेत कुल 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसकी खबर फैलते ही मामला तूल पकड़ता चला गया और भर्ती से जुड़ी अनियमितताओं का मामला कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि, गिरफ्तार किए गए ज्यादातर लोगों को कोर्ट ने जमानत दे दी थी। 

एसओजी की सिफारिशें

मालूम हो कि एसओजी को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप कहा जाता है। ऐसे मामलों में इनकी मुस्तैदी देखने को मिली है। इस मामले से जुड़ी कोर्ट में दायर याचिका के वकील हरेंद्र नील का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि एसओजी ने इस भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की है। इसके अलावा राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने भी इस रिपोर्ट पर सहमति जताई है।

ऐसे में जिन अभ्यर्थियों ने इस भर्ती में अपनी भागीदारी दिखाई थी, उनकी दोबारा परीक्षा होनी चाहिए। इन सभी तार्किक तथ्यों को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से इस मामले में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उनके मुताबिक राजस्थान सरकार ने पहले सब इंस्पेक्टरों को ट्रेनिंग के लिए समय दिया था। ऐसे में इन सभी की तैनाती और पासिंग आउट परेड आदि का काम बहुत जल्द होना था, जिस पर कोर्ट ने रोक लगा दी है।